शहरों पर लौट रहा है यूक्रेनी सेना का नियंत्रण
२ अप्रैल २०२२शुक्रवार की शाम टीवी पर प्रसारित बयान में ब्रोवरी के मेयर ने कहा कि रूसियों के कब्जे से लगभग पूरे जिले को मुक्त करा लिया गया है." इसके साथ ही मेयर का यह भी कहना है कि यूक्रेनी सेना इलाके को मौजूद बाकी सैनिकों, "रूसी सेना के हथियारों और संभावित माइनों" से मुक्त कराने में लगी है.
अधिकारियों का कहना है कि शहर के लोग पहले ही अपने घरों मे लौट रहे हैं, दुकान और कारोबार खुलने लगे हैं. इससे पहले कीव के मेयर विटाली क्लित्शको ने बताया कि यूक्रेनी सेना के कई शहरों को अपने नियंत्रण में लेने के बाद उत्तर पश्चिम कीव के दूरदराज के इलाकों को निशाना बना कर रूसी सेना ने हमले किये हैं.
रूसी हवाई सीमा में घुस कर किसने हमला किया
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने रूसी तेल डिपो पर हमले का आदेश देने के बारे में पूछे सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया है. फॉक्स न्यूज के साथ बातचीत में जेलेंस्की ने कहा कि वो ऐसे किसी आदेश के बारे में चर्चा नहीं करते जो उन्होंने सेनापति होने के नाते दिया हो.
इससे पहले यूक्रेन की नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के सचिव ने इन आरोपों से इनकार किया कि दो यूक्रेनी हैलीकॉप्टर ने बेल्गोरोद के उत्तर में तेल डिपो पर हमला किया था.
बेल्गोरोद में क्षेत्रीय गवर्नर का कहना है कि इस हमले में दो कर्मचारी घायल हुए हैं हालांकि रूसी मीडिया सरकारी तेल कंपनी रोजनेफ्ट के हवाले से बता रही है कि कोई हताहत नहीं हुआ है.
अगर रूसी दावे की पुष्टि हो जाती है तो यह पहला हमला होगा जिसे यूक्रेनी सेना ने रूसी हवाई सीमा के अंदर जा कर अंजाम दिया.
इस बीच मिकालाइव की क्षेत्रीय प्रशासनिक इमारत पर हुए हमले के बाद मरने वालों की संख्या बढ़ कर 33 तक पहुंच गई है. इस हमले में 34 लोग घायल भी हुए हैं. रूसी रॉकेट के हमले ने एक तरह से इस इमारत को बीच से चीर दिया था. राहत और बचाव दल के कर्मचारी अब भी मलबे की सफाई और उनके बीच शवों को ढूंढने के काम में लगे हुए हैं. यह हमला मंगलवार को हुआ था.
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लैंड माइन का खतरा
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की का कहना है कि रूसी सेना अपने पीछे एक बड़ी आपदा छोड़ कर जा रही है. रूसी सेना उत्तर की ओर से पीछे हट रही है. इसमें राजधानी कीव से बस कुछ ही दूरी पर मौजूद शहर भी शामिल हैं. यूक्रेनी राष्ट्रपति ने लोगों को संभावित हमलों और लैंडमाइंस से आगाह किया है.
शुक्रवार रात देश को संबोधित करते हुए जेलेंस्की ने कहा, "वो लोग पूरे इलाके में लैंड माइन लगा रहे हैं, वो घरों में, उपकरणों में यहां तक कि मारे गए लोगों के शरीर में भी माइन लगा रहे हैं." जेलेंस्की ने लोगों से अपील की है कि वो थोड़ा इंतजार करें जब तक कि इलाकों की सफाई नहीं हो जाती और गोलीबारी का खतरा पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता. जेलेंस्की ने आगे बड़े खतरे के लिए आगाह किया है क्योंकि पूर्व में लड़ाई तेज हो गई है.
मारियोपोल को लेकर चिंता अभी भी बनी हुई है वहां फंसे लोगों को निकालने में अब तक बड़ी कामयाबी नहीं मिल सकी है. हालांकि शुक्रवार को 3071 लोग वहां से निकलने में कामयाब हुए.
एक यूक्रेनी अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को काले सागर के ओडेसा इलाके में कम से कम तीन बैलिस्टिक मिसाइल दागे गए हैं हालांकि उन्होंने इस बारे में और ज्यादा ब्यौरा नहीं दिया. बस इतना ही बताया कि ये मिसाइल क्राइमिया से दागे गए और यूक्रेनी एयर डिफेंस सिस्टम के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच सके. ओडेसा में यूक्रेन का सबसे बड़ा बंदरगाह है और नौसेना का मुख्यालय है.
यूक्रेनी राष्ट्रपति के दफ्तर ने जानकारी दी है कि यूक्रेनी सेना के 86 सदस्यों को जापोरिझिया के इलाके में कैदियों के अदलाबदली के तहत आजाद कराया गया है. इसके बदले कितने रूसी सैनिक छोड़े गए इसकी जानकारी नहीं दी गई है.
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अमेरिका भेज रहा है हथियार और उपकरण
अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन का कहना है कि वह यूक्रेनी सेना को 30 करोड़ डॉलर के सैनिक साजो सामान मुहैया करा रही है. पेंटागन के प्रेस सचिव जोन किर्बी ने बयान जारी कर कहा है नए पैकेज में लेजर गाइडेड रॉकेट सिस्टम, मानवरहित विमान, बख्तरबंद गाड़ियां, नाइट विजन डिवाइस और गोला बारूद शामिल है. इसके साथ ही मेडिकल सप्लाई, फील्ड इक्विपमेंट और मरम्मत का सामान भी पहुंचाया जा रहा है.
किर्बी का कहना है कि युद्ध शुरू होने के बाद अब तक अमेरिका ने यूक्रेन को 1.6 अरब डॉलर के सैन्य सहायता दी है.
बुल्गारिया ने एक और रूसी राजनयिक को निकाला
बुल्गारिया ने एक रूसी राजनयिक को जासूसी के आरोप में देश से बाहर जाने का हुक्म दिया है. रायनयिक को इसके लिए 72 घंटे का समय दिया गया है. बुल्गारिया के अभियोजन कार्यालय का कहना है कि यह राजनयिक "अनियमित खुफिया गतिविधियों" में शामिल था.
बुल्गारिया के साथ रूस के कभी करीबी रिश्ते थे हालांकि नाटो का सदस्य बन चुके बुल्गारिया का अब रूस का सहयोगी देश नहीं रहा. पिछले महीने ही बुल्गारिया ने रूस के 12 राजनयिकों को वापस भेज दिया और रूस में मौजूद अपने राजदूत को बुला कर सलाह मशविरा किया. बुल्गारिया का आरोप था कि रूसी राजदूत ने सार्वजनिक रूप से बुल्गारिया के बारे में "गैरकूटनीतिक, तीखे और कठोर "बयान दिये थे.
एनआर/एडी(एपी, रॉयटर्स, एएफपी)