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शार्क और जेलीफिश के बीच तैरेंगी क्लो

१२ जून २०१३

उनका सपना है क्यूबा और फ्लोरिडा के बीच 166 किलोमीटर की दूरी तय करना. शार्क, जेलीफिश जैसी खतरनाक मछलियों के बीच, खाड़ी की लहरों में तैरना खतरे से खाली नहीं. कौन है ये साहसी महिला...

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Endurance swimmer Diana Nyad swims off as she begins a more than 100-mile trip across the Florida Straits to the Florida Keys, starting from Havana, Cuba, August 18, 2012. Nyad, who turns 63 on August 22, is trying to be the first swimmer to cross the Straits without a shark cage. REUTERS/Christi Barli/Florida Keys News Bureau/Handout (CUBA - Tags: SOCIETY) NO SALES. FOR EDITORIAL USE ONLY. NOT FOR SALE FOR MARKETING OR ADVERTISING CAMPAIGNS. THIS IMAGE HAS BEEN SUPPLIED BY A THIRD PARTY. IT IS DISTRIBUTED, EXACTLY AS RECEIVED BY REUTERS, AS A SERVICE TO CLIENTS
तस्वीर: Reuters

अच्छे मौसम की भविष्यवाणी और कुछ वैज्ञानिकों की टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया की क्लो मैक कार्डेल क्यूबा से फ्लोरिडा की 166 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए उतावली हो रही हैं वो भी शार्क से बचाने वाला पिंजरा साथ लिए बगैर.

खतरे से भरपूर इस पानी को फ्लोरिडा स्ट्रैट्स कहा जाता है. इस इलाके में तैरना मैराथन तैराकों के लिए बड़ी बात है. अब तक इसे सिर्फ एक ही तैराक पार कर पाई है. 1997 में ऑस्ट्रेलिया की ही सूजी मैरोने ने पिंजरे के साथ यह इलाका पार किया था. पिंजरे के कारण वह ऊपर ही रहीं और धाराओं की मदद से वह 25 घंटे में अपना लक्ष्य पा सकीं.

2011 से अब तक चार बार बिना पिंजरे के यहां से तैरने की कोशिश की गई. जिसमें से तीन कोशिशें अमेरिका की डायना नेड ने की और एक ऑस्ट्रेलिया की पेनी पाल्फ्रे ने. कुल मिला कर अभी तक 20 लोगों ने कोशिश की और विफल रहे. हवाना में संवाददाता सम्मेलन के दौरान 28 साल की मैक कार्डेल ने कहा, दुनिया में यह सबसे मुश्किल मैराथन स्विम है. यह फुटबॉल में वर्ल्ड कप जीतने या वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने जैसा है या फिर ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने जैसा. लेकिन यह शायद बहुत मुश्किल भी क्योंकि अभी तक कोई नहीं कर पाया है."

मैक कार्डेल साल में 50 हफ्ते प्रैक्टिस करती हैं. वे दो बार इंग्लिश चैनल पार चुकी हैं. इस जोखिम भरी तैराकी के दौरान वह इंग्लिश चैनल मैराथन नियमों का पालन करेंगी. ये नियम कहते हैं कि वह तैराकी के दौरान साथ चलने वाली नावों को नहीं छुएंगी. उन्हें उम्मीद है कि 60 घंटे बाद वह फ्लोरिडा के की वेस्ट में पहुंचेगी.

इस दौरान उनकी सबसे बड़ी चुनौती रहेंगी जहरीली जेली फिश जो लहरों के मुताबिक तैरती है. दूसरा जोखिम है शार्क मछलियां और तीसरा मनमानी गल्फ स्ट्रीम जिसके प्रवाह का कोई अंदाजा नहीं लगा सकता. गल्फ स्ट्रीम वो ताकतवर धारा है जो फ्लोरिडा के संकरे जलमार्ग से गुजरती है. ऐसा नहीं है कि सिर्फ जुनून के सहारे क्लो ने ये फैसला किया है बल्कि अपने पति पॉल के साथ मिल कर पहले की विफल कोशिशों का बहुत अच्छे से विश्लेषण किया है. इसके बाद उन्होंने विज्ञान का सहारा लेते हुए अपनी सफलता के मौके बढ़ाने की कोशिश की है.

सामान्य तौर पर इस मौसम में खतरनाक जेली फिश समंदर की धारा में कम होती हैं. चांद भी अभी बढ़ना शुरू हुआ है. चांद की रोशनी से जेली फिश सतह की ओर आकर्षित होती हैं तो वो रौशनी भी अभी कम है. पिछले तैराकों की ही तरह मैककार्डेल के आसपास भी पानी के नीचे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड बनाया जाएगा जिससे शार्क पास नहीं आ सकेंगी. कंप्यूटर की मदद से पूरे समय धारा के प्रवाह पर भी ध्यान रखा जाएगा.

सिर्फ इतिहास में नाम दर्ज कराना ही क्लो मैक कार्डेल का मकसद नहीं वह कैंसर के शोध के लिए इस तैराकी के जरिए पैसे इकट्ठा करना चाहती हैं और अमेरिका और क्यूबा के बीच बेहतर संबंध भी.

एएम/एनआर (रॉयटर्स)