संकट से निटपने को आसियान भी एकजुट
२ मार्च २००९दस दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के समूह आसियान के तीन दिवसीय सम्मेलन में आर्थिक मंदी से बाहर निकलने के लिए आसियान चार्टर को लागू किया गया. थाइलैंड के प्रधानमंत्री अभिसित वेजाजीवा ने कहा, ''विश्व आर्थिक संकट, जलवायु परिवर्तन के बुरे परिणामों से बचने के लिए, खाद्यान्नों की कमी ऊर्जा, प्राकृतिक संकट, महामारियों और अपराध जैसे कि नशीले पदार्थों का अवैध व्यापार और आतंकवाद के खिलाफ़ लड़ाई के लिए आसियान देशों को ख़ुद को तैयार करना होगा ताकि वह इन सब से तेज़ी से और प्रभावी तरीके से निपट सके''
बैठक में तय किया गया कि विशेष राजकोषीय और मौद्रिक नीति के ज़रिए साथ मिल कर विश्व वित्तीय और आर्थिक संकट से बाहर निकलने के एकजुट प्रयास करने होंगे. सभी सदस्य देशों ने संरक्षणवाद का विरोध किया. थाइलैंड के उद्योग मंत्री के प्रतिनिधि अलोंगकोर्न पोन्लाबूट ने कहा, ''आसियान एक साफ़ संकेत देना चाहता है कि वह संरक्षणवादी तरीक़ों को अस्वीकार करेगा और मुझे उम्मीद है कि दूसरे क्षेत्रों से भी इस बारे में विचार किया जाएगा. पश्चिमी देशों को भी अपने विचार में संशोधन करना चाहिए.''
थाइलैंड के एक द्वीप छा अम पर हुए इस सम्मेलन में कुछ बातें पहली बार हुई. मसलन इस बार आसियान देशों के प्रमुखों ने सांसदों, नागरिक संगठनों, युवा संगठनों के साथ ही निजी क्षेत्र के प्रतिनिधियों से बातचीत की ताकि आम जनता को भी विचार प्रक्रिया शामिल किया जा सके. लेकिन कंबोडिया और म्यांमार ने इससे साफ़ इनकार कर दिया.
कंबोडिया, इंडोनेशिया, मलेशिया, म्यांमार, थाईलैंड और वियतनाम जैसे आसियान के सदस्यों देशों के आर्थिक सांस्कृतिक और राजनीतिक हालात एक दूसरे बहुत अलग हैं. इसी कारण एक मानवाधिकार मामलों पर भी एक निर्णय लेने में मुश्किलें आती हैं. लेकिन इस बार आसियान देशों ने एक मानवाधिकार पैनल की योजना का खाका तैयार किया है. एक ऐसा मानवाधिकार पैनल जो सदस्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करे.
कुल मिलाकर इस सम्मेलन की बड़ी सफलता न्यू ज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के साथ आसियान देशों का मुक्त व्यापार समझौता रहा.