संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कश्मीर पर चर्चा
१६ अगस्त २०१९जम्मू कश्मीर के विशेषाधिकार खत्म करने और उसे दो केंद्रशासित राज्य बनाए जाने के बाद पाकिस्तान बेचैन है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मामले को उठाने की कोशिश में है. भारत जम्मू कश्मीर को अपना अंदरूनी मामला बताता रहा है. इस बीच चीन ने सुरक्षा परिषद में इस मामले पर बंद दरवाजों के पीछे चर्चा करने की मांग रखी है. बंद दरवाजे के पीछे चर्चा का मतलब है कि यहां हुई बातचीत सार्वजनिक नहीं की जाएगी और ना ही यहां हुई बातचीत का रिकॉर्ड रखा जाएगा. यह सदस्य देशों के बीच एक अनौपचारिक चर्चा है.
"जम्मू कश्मीर के इलाके" को लेकर "भारत पाकिस्तान का सवाल" इससे पहले सुरक्षा परिषद के एजेंडे में 1964-65 और 1969-71 में आया था. तब पाकिस्तान ने इसके लिए "तुरंत बैठक बुलाने की मांग की थी." सुरक्षा परिषद में रोजमर्रा के एजेंडे में इसे 16 अगस्त की तारीख में शामिल किया गया है. परिषद इस पर स्थानीय समय के मुताबिक सुबह 10 बजे चर्चा करेगी.
इधर पाकिस्तान की सेना ने कहा है कि भारतीय सैनिकों ने नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी की है जिसमें उनके एक और सैनिक की मौत हो गई है और इस तरह बीते 24 घंटे में मरने वालों की तादाद 6 हो गई है. पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा है, "एक और बहादुर बेटे ने कर्तव्य की राह पर अपनी जिंदगी कुर्बान कर दी." पाकिस्तान की सेना और पुलिस का कहना है कि गुरुवार को भारत की ओर से की गई गोलीबारी में पाकिस्तान के नियंत्रण वाले कश्मीर में दो आम नगारिकों और तीन सैनिकों की जान गई.
भारत ने जम्मू कश्मीर का विशेषाधिकार खत्म कर उसे दो केंद्रशासित राज्यों में बांट दिया है जिसके बाद से इलाके में तनाव है. किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए भारत ने कश्मीर में भारी संख्या में सुरक्षा बलों और सैनिकों को तैनात किया है. वहां बीते कई दिनों से कर्फ्यू लगा हुआ है हालांकि बीच बीच में इसमें कुछ देर के लिए ढील दी गई है. इस बीच जम्मू कश्मीर में अभूतपूर्व बंदी का मामला सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई के लिए आया. भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि वह अगले कुछ दिनों में जम्मू कश्मीर में पाबंदियों को धीरे धीरे हटाएगी.
भारत सरकार ने कहा है कि अगले कुछ दिनों में कश्मीर में संचार पर जारी प्रतिबंधों को हटाया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट में एक अखबार के संपादक की याचिका पर सुनवाई हुई. इस संपादक ने मांग की थी कि राज्य में जारी टेलिफोन और इंटरनेट की सेवा पर रोक को तुरंत हटाया जाए. सरकार के वकील तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि पाबंदियों को "अगले कुछ दिनों में" हटा लिया जाएगा.
रिपोर्ट: निखिल रंजन/एपी,रॉयटर्स
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