सचिन अब वर्ल्ड कप ले आओ: गुरु आचरेकर
२० दिसम्बर २०१०तेंड्ल्या नाम के एक बच्चे को तराशकर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर बनाने वाले रमाकांत आचरेकर अब बूढ़े हो चुके हैं. 78 साल के आचरेकर की नजर कमजोर पड़ गई है, दांत गिर चुके हैं और अब अकसर हाथ भी कांपते हैं. भारत को सचिन तेंदुलकर जैसा हीरा देने वाले यह गुरु अब खांसते हैं तो आस पास लोगों को फिक्र होने लगती है.
लेकिन रविवार को मानो आचरेकर की जवानी और उमंग लौट आई. सचिन के 50वें टेस्ट शतक ने उनके लिए संजीवनी बूटी का काम किया. अपनी खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा, ''मैं सचिन के लिए बहुत खुश हूं. उन्होंने सिर्फ मुझे ही नहीं बल्कि पूरे देश को गर्व करने का मौका दिया है.''
आचरेकर ने सचिन के अलावा चंद्रकांत पंडित, विनोद कांबली, प्रवीण आमरे, संजय बांगड़ और अजीत अगरकर समेत दर्जनों खिलाड़ियों को क्रिकेट की बारीकियां सिखाई हैं. लेकिन वह आज भी कहते हैं कि तेंदुलकर जैसा शिष्य उन्हें फिर कभी नहीं मिला. उनके मुताबिक सचिन जैसा खिलाड़ी क्रिकेट को शायद ही मिले. उन्होंने कहा, ''रिकॉर्ड तोड़ना तो दूर, मुझे यह भी नहीं लगता कि कोई सचिन के रिकॉर्डों के निकट भी पहुंच पाएगा.''
उम्र के इस पड़ाव पर पहुंच चुके आचरेकर कहते हैं कि मास्टर ब्लास्टर ने उन्हें कभी निराश नहीं किया. लेकिन अब गुरु की चाहत है कि उनका होनहार शिष्य भारत के लिए वर्ल्ड कप जीत लाए. ऐसी ही ख्वाहिश तेंदुलकर की भी है. क्रिकेट के शिखर पर खड़े इस खिलाड़ी को मलाल है कि 21 साल के खेल और कई अद्वितीय रिकॉर्ड बनाने के बावजूद वह अब तक वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा नहीं बन सका है.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: वी कुमार