सब्सिडी पर कामगारों के घेरे में ब्रसेल्स
२९ सितम्बर २०१०यूरोपीय ट्रेड यूनियन संघ (ईजीबी) के बुलावे पर 30 देशों के हजारों मजदूर ब्रसेल्स में जमा हो गए हैं. शहर की सड़कों पर हजारों प्रदर्शनकारी बचत के नाम पर सरकारी खर्चों में कटौती करने के लिए तमाम मदों में सरकारी सब्सिडी को समय से पहले वापस लेने की पहल का विरोध कर रहे हैं. इसी क्रम में जर्मनी, पोलैंड, ब्रिटेन, पुर्तगाल, ग्रीस, आयरलैंड, इटली और स्पेन सहित कई देशों में इसके खिलाफ बुधवार सुबह से ही मजदूर यूनियनों के देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. ब्रिटेन की आवोहवा में हड़ताल का असर साफ दिखाई दे रहा है. यहां के विरोध की अगुवाई लेबर पार्टी कर रही है जिसकी कमान हाल ही में वामपंथी झुकाव वाले एड मिलीबेंड के हाथों में सौंपी गई है.
इस बीच जर्मनी की सभी कोयला खानों पर खनिकों का विरोध प्रदर्शन हो रहा है. बुधवार सुबह इब्बेनबुइरेन खदान के 1,800 खनिकों ने रैली की और कोयला सब्सिडी समाप्त करने की यूरोपीय संघ की योजना का विरोध किया. खनिकों की ट्रेड यूनियन आईजी-बीसीई के अध्यक्ष मिषाएल वासीलियाडिस ने रैली को संबोधित करते हुए कहा, "यूरोपीय संघ की योजना का एकमात्र नतीजा सदस्य देशों में सामाजिक टकराव होगा."
जर्मनी के नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया और जारलंड प्रांतों में मार्ल, बोट्रोप्प, जारब्रुइकेन और कांप-लिंटफोर्ट में विरोध प्रदर्शन की योजना है. जर्मन खदानों में काम करने वाले करीब 1,200 खनिक ब्रसेल्स जा रहे हैं जहां वे सब्सिडी समाप्त करने की यूरोपीय संघ की योजना का विरोध करेंगे. ब्रसेल्स में प्रदर्शन का आयोजन यूरोपीय ट्रेड यूनियन संघ ईजीबी ने किया जिसमें 30 देशों के 100,000 से अधिक खनिक भाग लेंगे.
जर्मनी में 2007 में हुए समझौते के अनुसार कोयले की खदानों के लिए सब्सिडी 2018 तक लागू रहेगी. इस समझौते का लक्ष्य खदान क्षेत्रों में अचानक बेरोजगारी को रोकना और पीढियों से खान में काम कर रहे खनिकों को रोजगार के दूसरे अवसर देने के लिए समय देना था.
यूरोपीय आयोग ने सभी सदस्य देशों की सरकारों से खर्चों में कटौती करने के लिए 2014 से सभी मदों में जरूरत से ज्यादा दी जा रही सरकारी सब्सिडी खत्म करने का प्रस्ताव पेश किया है. मसलन इस प्रस्ताव के तहत जर्मनी को 2014 से कोयले पर दी जा रही सब्सिडी को खत्म करना होगा. जबकि जर्मन सरकार की योजना इसे 2018 तक देने की है. इसे लागू न करने वाले देशों के खिलाफ पेनाल्टी लगाने की बात भी की जा रही है.
उधर ब्रसेल्स में कम से कम एक लाख प्रदर्शनकारियों के पंहुचने की आशंका को देखते हुए पुख्ता सुरक्षा इतजाम किए गए हैं. साथ ही यूरोपीय संघ के मुख्यालय को स्टील की मजबूत बाढ़ से घेर दिया गया है. शहर के बैंकों और प्रमुख व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर पुलिस की घेराबंदी मजबूत कर दी गई है.
इस हड़ताल को 2001 के बाद अब तक की सबसे बड़ी हड़ताल माना जा रहा है. 2001 में यूरोपीय संघ की घाटे में चल रही सरकारों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के विरोध में लगभग 80 हजार प्रदर्शनकारियों ने ईयू मुख्यालय का घेराव किया था.
रिपोर्टः एजेंसियां/निर्मल
संपादनः आभा एम