सीआईए से 50 करोड़ डॉलर के मुआवजे की मांग
३० नवम्बर २०१०उत्तरी वजीरिस्तान के निवासी करीम खान का कहना है कि अमेरिकी मिसाइल हमले में उसके घर को 31 दिसंबर 2009 को निशाना बनाया गया. "ड्रोन हमले में मेरे बेटे, भाई और एक स्थानीय निवासी की मौत हो गई. हम आतंकवादी नहीं हैं. हम आम नागरिक हैं." उत्तरी वजीरिस्तान में पिछले कई महीनों से अमेरिकी ड्रोन विमान चरमपंथियों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
हमले के बाद पाकिस्तान के खुफिया विभाग के अधिकारियों ने कहा था कि मीर अली इलाके में अमेरिकी मिसाइल हमले में चार चरमपंथी मारे गए हैं. अब करीम खान अपने लिए न्याय मांग रहे हैं. वकील मिर्जा शहजाद का कहना है कि वह पाकिस्तान में एक मुकदमा दायर करेंगे और अगर जरूरी हुआ तो हेग में अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत तक जाएंगे.
मिर्जा शहजाद के मुताबिक यह कोई राजनीतिक मामला नहीं है. यह शिकायत निजी तौर पर दर्ज कराई गई है. न्यूज एजेंसी एएफपी को शहजाद ने बताया कि अमेरिकी रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स, सीआईए निदेशक लियोन पेनेटा और इस्लामाबाद में सीआईए के स्टेशन चीफ को उन्होंने कानूनी नोटिस भेज दिया है. मिर्जा शहजाद का कहना है कि वह अमेरिका से पाकिस्तान में ड्रोन हमले रोके जाने की मांग कर रहे हैं साथ ही 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर का मुआवजा चाहते हैं.
एएफपी के मुताबिक नोटिस की एक कॉपी में ड्रोन हमलों को गैरकानूनी और मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया गया है. हालांकि अमेरिकी दूतावास का कहना है कि उसे वकील से अभी कोई संदेश नहीं मिला है. वैसे स्थानीय वकील और लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे विशेषज्ञ मुकदमा दायर होने पर संदेह जता रहे हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: एमजी