सीमा पर भी दिखने लगी भारत-नेपाल के बीच की तनातनी
१५ जून २०२०नेपाल में नक्शे को लेकर चल रहीं राजनीतिक गतिविधियों और भारत के साथ संबंधों में कथित तनाव का असर अब दोनों देशों की सीमाओं पर भी दिखने लगा है. भारत में सशस्त्र सीमा बल एसएसबी के अधिकारियों ने गृह मंत्रालय और यूपी में लखीमपुर जिला प्रशासन को इस बात की जानकारी दी है कि उत्तर प्रदेश से लगे नेपाल के बॉर्डर पर सीमा रेखा को दर्शाने वाले कुछ खंभे गायब हो गए हैं. एसएसबी ने यह जानकारी भी दी है कि नेपाल ने सीमा पर पांच नई चौकियां बना ली हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए भारत ने अपने सभी बॉर्डर आउटपोस्ट्स को हाई अलर्ट कर दिया है. एसएसबी के एक अधिकारी के मुताबिक, गोपनीय और संवेदनशील मामला होने की वजह से इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी जा सकती लेकिन गायब हुए खंभों को सीधे तौर पर अतिक्रमण या फिर किसी तरह का ‘दुस्साहस' कहना भी जल्दबाजी होगी. अतिक्रमण की वजह भौगोलिक गतिविधियां और स्थानीय अधिकारियों की भ्रष्टाचारी करतूतें भी हो सकती हैं.
सीमा सुरक्षा बल की 39वीं बटालियन उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में भारत-नेपाल सीमा पर बॉर्डर पर 62.9 किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करती है. मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, एसएसबी के अधिकारियों ने पिछले दिनों लखीमपुर जिला प्रशासन को पत्र लिखकर सीमा पर गायब हुए खंभों और अतिक्रमण के बारे में जानकारी दी थी. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले की सीमा नेपाल के कंचनपुर और कैलाली जिलों से लगती है. इसकी देख-रेख के लिए सीमा पर नेपाल सशस्त्र पुलिस बल के चार बॉर्डर आउटपोस्ट पहले से ही थे. पांच नई चौकियों के साथ अब इनकी संख्या नौ हो गई है. नेपाल के अधिकारियों का कहना है कि चौकियों की स्थापना से सीमा सुरक्षा के साथ ही गांव के लोगों की भी सुरक्षा रहेगी.
नो मेन्स लैंड में जमीन
सीमा पर किसी को बसने की इजाजत नहीं है लेकिन कई बार राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से ‘नो मेन्स लैंड' में भी लोगों को जमीन आवंटित कर दी जाती है. कानूनी तौर पर यह गलत है लेकिन ऐसा अक्सर होता है और अब तक इन बातों पर भारत की ओर से भी कभी कड़ाई नहीं दिखाई गई. ऐसा इसलिए कि दोनों देशों की सीमा पर अंतरराष्ट्रीय सीमा जैसी विशेष औपचारिकताएं अब तक नहीं थीं. बताया जाता है कि कई बार तो नेपाल के राजस्व अधिकारियों ने सीमा पर भी नेपाली लोगों को जमीन आवंटित कर दी है.
एसएसबी ने इस मामले की जानकारी जिला प्रशासन को इसलिए दी है कि कुछ गलत होने पर वो नेपाल के अधिकारियों से इस बारे में विचार-विमर्श कर सकें और मामले का हल निकल सके. दरअसल, नेपाल के नए नक्शे को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव जारी है. नेपाल ने अपने नए नक्शे में भारत के लिपुलेख, कालापानी और लिपिंयाधुरा जैसे क्षेत्रों को दिखाया है जिसे लेकर भारत को सख्त आपत्ति है. नेपाल ने अपना नया नक्शा संसद की मंजूरी के साथ जारी भी कर दिया है, जिसमें ये तीनों क्षेत्र उसके अंतर्गत दिखाए गए हैं.
भारत के जिले सतर्क
इससे पहले, नेपाल से ताजा तनाव के बाद यूपी पुलिस ने भी नेपाल की सीमा पर निगरानी और सतर्कता बढ़ा दी है. खुफिया एजेंसियों को भी सतर्क कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश के छह जिले गोरखपुर, महराजगंज, बहराइच, बलरामपुर, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत नेपाल सीमा से सटे हैं. यूपी के एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार के मुताबिक, बिहार के सीतामढ़ी से जुड़ी नेपाल की सीमा पर शुक्रवार को हुई घटना के बाद यूपी के पुलिस महानिदेशक हितेशचंद्र अवस्थी ने नेपाल की सीमा से लगे यूपी के छह जिलों में निगरानी और सतर्कता के निर्देश दिए हैं.
बिहार के सीतामढ़ी जिले में लालबंदी बॉर्डर के पास शुक्रवार को नेपाली पुलिस की फायरिंग में एक भारतीय की मौत के बाद से ही इस सीमा पर तनाव है. गोलीबारी में तीन लोग घायल भी हो गए थे. इसके बाद सीतामढ़ी के रहने वाले एक युवक को नेपाल पुलिस उठाकर ले गई थी जिसे शनिवार को छोड़ दिया गया. एसएसबी के डीजी कुमार राजेश चंद्रा ने कहा था कि यह आपसी विवाद का मामला है और रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दी गई है लेकिन इस घटना के बाद से सतर्कता और बढ़ा दी गई है. बताया जा रहा है कि घटना के वक्त सीमा के पास कुछ लोग खेतों में काम रहे थे.
आवाजाही पर पाबंदी
भारत- नेपाल सीमा पर सुरक्षा की जिम्मेदारी सशस्त्र सीमा बल एसएसबी की है. इस घटनाक्रम के बाद एसएसबी के जवानों ने सीमा पर गश्त तेज कर दी है. बिहार के सात जिले नेपाल के साथ सीमा साझा करते हैं जिनमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज हैं. कोविड-19 के कारण सीमा सील होने से लोगों के आने-जाने पर पहले से ही मनाही है लेकिन ताजा घटनाक्रम की वजह से सीमा के आस-पास रह रहे लोगों के भी आने-जाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है.
यूपी के अलावा उत्तराखंड सीमा पर भी नेपाल द्वारा चौकियां बनाने की खबरें आ रही हैं. नेपाल भारत से करीब 1700 किलोमीटर की सीमा साझा करता है जिसमें से 270 किलोमीटर की सीमा उत्तराखंड से लगी हुई है. बताया जा रहा है कि नेपाल सीमा पर 114 सशस्त्र चौकियां यानी बॉर्डर आउटपोस्ट बनाने की तैयारी कर रहा है, जिसमें से 10 चौकियां उत्तराखंड में बनाई जाएगी. उत्तराखंड में पिथौरागढ़, चंपावत और उधम सिंह नगर जिले नेपाल के साथ अपनी सीमाओं को साझा करते हैं.
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