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समाज

यूनिलीवर कहेगी "सामान्य" को अलविदा

९ मार्च २०२१

यूनिलीवर ने तय किया है कि वो अपने सौंदर्य उत्पादों पर से त्वचा और बालों के बारे में बताने के लिए "सामान्य" शब्द का प्रयोग बंद कर देगी. कंपनी इसे अपने आप को और ज्यादा समावेशी बनाने की दिशा में एक कदम बता रही है.

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Neu Delhi Fair and Lovely  Skin lightening Hautaufheller
तस्वीर: Getty Images/AFP/S. Hussain

यूनिलीवर ने यह भी कहा कि वो अपने विज्ञापनों में अपने मॉडलों के शरीर की बनावट और त्वचा के रंग को डिजिटल तरीके से बदलने की प्रथा को भी खत्म कर देगी. यूनिलीवर दुनिया के सबसे बड़े विज्ञापनदाताओं में से है, लेकिन हाल ही में उसे अपने विज्ञापनों की वजह से काफी आलोचना का सामना करना पड़ा है. कंपनी अब इन आलोचनाओं को शांत करने का प्रयास कर रही है.

कंपनी के सौंदर्य उत्पादों के विभाग के अध्यक्ष सनी जैन ने रॉयटर्स को बताया, "हमें यह अहसास है कि सिर्फ "सामान्य" शब्द हटा देने भर से समस्या हल नहीं हो जाएगी, लेकिन हमारा मानना है कि यह सौंदर्य की ज्यादा समावेशी परिभाषा की तरफ बढ़ने की दिशा में एक कदम है."

दुनिया भर में कंपनी के एक दर्जन से भी ज्यादा उत्पादों पर से त्वचा और बालों के प्रकार का विवरण देने के लिए "सामान्य" शब्द को हटा दिया जाएगा और उसकी जगह शैम्पू के लिए "स्लेटी बाल" या त्वचा की क्रीमों के लिए "नमी फिर से भरने वाली" जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाएगा.

Deutschland Logo des Unilever Konzerns
यूनिलीवर अपनी छवी को समावेशी बनाने की कोशिश कर रही है.तस्वीर: Daniel Reinhardt/dpa/picture alliance

कंपनी ने बताया कि उसने पूरी दुनिया में करीब 10,000 लोगों के बीच एक सर्वेक्षण करवाया था जिसमें आधे से भी ज्यादा लोगों ने कहा कि त्वचा या बालों के लिए "सामान्य" शब्द का इस्तेमाल करने से लोगों को भेदभाव महसूस होता है. सत्तर प्रतिशत लोगों ने कहा कि विज्ञापनों में इस शब्द के इस्तेमाल से नकारात्मक असर पड़ता है.

कंपनी ने यह भी कहा कि वो अपने मॉडलों और अपने इन्फ्लुएंसरों के शरीर के आकार, डील-डॉल, अनुपात और त्वचा के रंग को डिजिटल रूप से बदलना भी बंद कर देगी. इस कदम की शुरुआत कंपनी ने अपने लोकप्रिय साबुन डव के साथ 2018 में ही कर दी थी.

पिछले साल कंपनी को भारत में अपनी क्रीम "फेयर एंड लवली" को लेकर उपभोक्ताओं के गुस्से का सामना करना पड़ा था. कई लोगों ने कहा था कि कंपनी गहरे रंग की त्वचा को लेकर नकारात्मक रूप से रूढ़वादी छवि बना रही थी. इसके बाद कंपनी ने क्रीम का नाम बदल कर "ग्लो एंड लवली" कर दिया था.

2017 में कंपनी को अपने डव बॉडी वॉश उत्पाद के एक विज्ञापन को लेकर सोशल मीडिया पर काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी. विज्ञापन में एक अश्वेत महिला को दिखाया गया जो अपनी टी-शर्ट उतारते ही एक श्वेत महिला के रूप में नजर आने लगती है. हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में कंपनी के ट्रेसमे उत्पादों के खिलाफ भी आलोचना हुई थी, जिसके बाद उसने देश में सभी दुकानों से इन उत्पादों को हटा लिया था.

सीके/एए (रॉयटर्स)

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