सोने की चमक के पीछे छुपे 7 राज
चाहे सोना इकट्ठा करना आपका शौक हो या केवल इस महंगी चमकदार धातु के प्रति आपको आकर्षण हो, सोने के जुड़ी ये सात दिलचस्प बातें शायद आपको भी ना पता हों.
सोने से इलाज
गहने बनाने के लिए सदियों से पहली पसंद रहा सोना कई बीमारियों के इलाज में भी उपयोगी है. रुमेटॉइड आर्थराइटिस को ठीक करने के एक तरीके में जोड़ों में सीधे सोने के कण इंजेक्ट किए जाते हैं. सोने के नैनो कणों का इस्तेमाल प्रोस्टेट कैंसर, एचआईवी और मलेरिया की टेस्टिंग के अलावा कुछ खास कैंसर को सोने के रेडियोएक्टिव आइसोटोप की मदद से नष्ट करने में भी होता है. सोने के नकली दांत भी लगते हैं.
बाहरी दुनिया से आया
माना जाता है कि सोना और इसके जैसी कुछ अन्य कीमती धातुएं करीब 4 अरब साल पहले एक उल्का पिंड के धरती से टकराने से पैदा हुईं. इंग्लैंड की ब्रिस्टल युनिवर्सिटी की एक टीम ने अपनी स्टडी में पाया कि धरती के ठंडा होने के बाद उससे टकराने वाले क्षुद्रग्रहों के साथ आई चीजें धरती पर रह गईं. मिट्टी के साथ मिली ये चीजें बारिश के पानी के कारण धरती की भीतरी सतहों तक पहुंच गईं, जिन्हें अब खनन करके निकाला जाता है.
खाने की चीज
आपको जान कर हैरानी होगी कि शुद्ध सोना शरीर के अंदर जाने पर भी जहरीला नहीं होता. सोने जैसी बेशकीमती धातुएं ऑक्सिडाइज नहीं होतीं, उन पर जंग नहीं लगती और कई रासायनिक पदार्थों से प्रतिक्रिया भी नहीं करती. शुद्ध सोने के लच्छे खाए भी जा सकते हैं, हालांकि उनसे कोई पोषण नहीं मिलेगा. इस चॉकलेट पर सोना छिड़का हुआ है.
बड़े काम का सोना
करीब अठहत्तर प्रतिशत सोने का इस्तेमाल गहने बनाने में ही होता है. इसके अलावा बिजली का एक बहुत अच्छा सुचालक होने के कारण इलेक्ट्रॉनिक उद्योग में भी इसकी खूब उपयोगिता है. इस पर जंग नहीं लगती और इसे किसी भी आकार में ढाला जा सकता है. हर तरह के निर्माण कार्य में इसका ये गुण बाकी धातुओं के मुकाबले इसे खास बनाता है.
मोबाइल में सोना
दुनिया भर जितनी तेजी से मोबाइल फोनों की संख्या बढ़ी है उतना ही उनका कचरा भी. पुराना होने पर फेंक दिए जाने वाले ये मोबाइल सेट असल में कीमती सोने का स्रोत हैं. यूएनईपी की 2009 की रिपोर्ट में बताया गया था कि मोबाइल फोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक कचरे के प्रति एक टन में कम से कम 340 ग्राम सोना होता है. क्या आप भी कोशिश करना चाहेंगे, घर पर पड़े पुराने मोबाइल फोन से सोना निकाल कर अमीर बनने की.
सोना निकालना खतरनाक
सोने के अयस्क को खोद कर निकाला जाता है और फिर सायनाइड से धोकर उसकी फोर्जिंग होती है. सोना तो मिल जाता है लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान निकले जहरीले पदार्थों का भी रेडियोएक्टिव कचरे की ही तरह निपटारा किया जाना चाहिए. बड़े स्तर पर इसे निकालने की प्रक्रिया में सायनाइड के प्रदूषण का भी खतरा है, जो अत्यंत जहरीला है.
एक आउंस सोने से ढका कमरा
अगर एक आउंस सोने की जाली जैसी पतली झिल्ली बना दी जाए तो उससे एक छोटे कमरे की पूरी चौड़ाई को ढका जा सकता है. सोने का इतना पतला तार बनाया जा सकता है जिसकी चौड़ाई इंसान के बाल की भी एक तिहाई हो. एक आउंस सोने से करीब आठ किलोमीटर लंबा धागा बनाया जा सकता है.