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सौर उर्जा को लेकर चीन अमेरिका में तनातनी

१८ मई २०१२

दुनिया के दो ताकतवर देश अमेरिका और चीन एक बार फिर टकराव की राह पर हैं. इस बार वजह है सौर उर्जा. अमेरिका ने सोलर पैनल बेचने वाली चीनी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन पर ज्यादा शुल्क थोप दिया है.

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तस्वीर: picture alliance / ZB

अमेरिका के वाणिज्य मंत्रालय ने अमेरिकी कंपनियों की शिकायत के बाद ये कदम उठाया है. अमेरिकी कंपनियों की शिकायत है कि चीनी सोलर पैनल के ज्यादा आयात से उनके सामानों की कीमत पर उल्टा असर पड़ रहा है. और उन्हे घाटा उठना पड़ रहा है.

शिकायत पर कार्रवाई करते हुए अमेरिका ने कई बड़ी चीनी कंपनियों के उत्पाद पर 31 प्रतिशत की दर से शुल्क लगा दिया है. जिन कंपनियों के खिलाफ ये कार्रवाई की गई है उनमें सनटेक पॉवर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड और ट्रिना सोलर लिमिटेड जैसी बड़ी कंपनिया शामिल हैं.

चीन की कई कंपनियों और सौर उर्जा से जुड़े हुए उत्पाद बेचने वाले समूह ने इसका विरोध किया है. चीन ने भी धमकी दी है कि वह सौर पैनल में लगने वाले अमेरिकी पॉलीसिलिकॉन पर शुल्क बढ़ा देगा. गौरतलब है कि दुनिया में सौर ऊर्जा उत्पाद के व्यापार का 60 फीसदी हिस्सा चीनी कंपनियों के नियंत्रण में है. चीन के सरकारी बैंक से मिलने वाले आसान लोन और कम कीमतों की वजह से कई बार चीनी कंपनियों को आलोचना भी झेलनी पड़ती है.

हालांकि अमेरिका के इस फैसले के खिलाफ 59 कंपनियों ने वाशिंगटन के कोर्ट में अपील दायर की है लेकिन इन कंपनियो को भी शुल्क 31 फीसदी की दर से ही देना होगा. उधर, अमेरिका के इस कदम से ताइवान की सोलर कंपनियों में उम्मीद जगी है कि वो अपना सामन सीधे अमेरिकी बाजार में बेच सकेगें. दोबारा राष्ट्रपति बनने की दौड़ में शामिल बराक ने भी कहा है कि वो चीनी कंपनियों के गलत तौर तरीकों पर रोक लगाएंगे. अब इंतजार चीन के जवाब का है.

वीडी/ओएसजे (रॉयटर्स, एपी)

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