सौर ऊर्जा से लगातार 26 घंटे तक उड़ा विमान
८ जुलाई २०१०स्विजरलैंड में जब गुरुवार सुबह का सूरज उगा, तो लोगों की निगाहें आसमान की ओर थीं. वे सब इंतजार कर रहे थे एक इतिहास के रचे जाने का. एक हवाई जहाज पिछले 24 घंटे से आसमान में था. जहाज रात भर उड़ता रहा. लेकिन ईंधन से नहीं बल्कि सूरज की रोशनी से.
बुधवार सुबह उड़ान भरने के बाद दिनभर में इसने अपने पंखों पर लगे 12 हजार सोल सेल्स के जरिए इतनी ऊर्जा कैद कर ली थी कि रात भर आसमान में रहा. ऐसा पहली बार हुआ जब सोलर एनर्जी के दम पर कोई जहाज 24 घंटे से ज्यादा तक आसमान में रहा. इस तरह सूरज की पहली किरण के साथ एक नए युग की शुरुआत हुई.
गुरुवार को सुबह ही लोग स्विजरलैंड की राजधानी बर्न से 50 किलोमीटर दूर पाएर्ने एयरबेस पर पहुंच गए थे. वे सब एक सीट वाले इस जहाज के नीचे उतरने का इंतजार कर रहे थे. विमान को आसमान में 24 घंटे पूरे हो चुके थे. मिशन कामयाब हो गया था. लेकिन विमान था कि उड़े जा रहा था. आखिरकार 26 घंटे हवा में गुजारने के बाद सुबह 7 बजे पायलट आंद्रे बोर्शबर्ग ने प्लेन को नीचे उतारा और वहां मौजूद लोगों ने जोरदार तालियों से उनका स्वागत किया.
26 घंटे लंबी उड़ान के बाद भी इस प्रोजेक्ट के सीईओ 57 वर्षीय आंद्रे के चेहरे पर थकान के निशान नहीं थे. उनकी आंखें तो इतिहास बदल देने की खुशी से चमक रही थीं. उन्हें अपने शरीर पर लदे साज-ओ-सामान को उतारने का भी ख्याल नहीं था. वह तो विमान से उतरते ही दौड़े और इस प्रोजेक्ट की नींव रखनेवाले अपने साथी बर्टैंड पिकर्ड को बाहों में भर लिया. पिकर्ड ने कहा कि जब तुम उड़े थे, तब हम किसी और युग में थे...तुम एक नए युग में उतरे हो.
सच...अब वक्त वाकई बदल चुका है. अब हम जानते हैं कि सिर्फ सूरज की रोशनी से ऊर्जा लेकर विमान को हमेशा के लिए भी हवा में रखा जा सकता है. स्विजरलैंड की अगुआई में इस प्रोजेक्ट ने यह साबित कर दिया है. यह दिन देखने के लिए प्रोजेक्ट को 7 साल लगे. हालांकि अभी इसका मकसद बहुत दूर है. इसे साबित करना है कि सिर्फ सोलर एनर्जी से हवाई यात्रा संभव है, जिसमें काफी वक्त लगेगा. लेकिन सफर कितना भी लंबा हो, शुरू पहले कदम से होता है. बिना ईंधन की हवाई यात्रा के लिए इंसान ने पहला कदम बढ़ा दिया है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः उज्ज्वल भट्टाचार्य