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स्मार्टफोन से पौधों पर नियंत्रण

१२ मई २०२१

सिंगापुर में वैज्ञानिकों ने एक तकनीक ईजाद की है जिसके जरिए वे कीट-पतंगे खाने वाले पौधों को स्मार्ट फोन से नियंत्रित कर रहे हैं.

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Bildergalerie Fleischfressende Pflanzen
तस्वीर: Getty Images

वैज्ञानिक स्मार्ट फोन से इलेक्ट्रिक सिग्नल के जरिए वीनस फ्लाई ट्रैप को कंट्रोल कर रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि यह खोज रोबॉटिक्स से लेकर पौधों से पर्यावरण की जानकारी लेने जैसे कई तरीकों से काम आ सकेगी. सिंगापुर के नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी में शोधकर्ता लू यिफेई बताती हैं कि स्मार्टफोन में एक ऐप से पौधे पर लगाए गए छोटे से इलेक्ट्रोड तक एक सिग्नल भेजा जाता है.

सिग्नल मिलते ही पौधा अपनी पत्तियां वैसे ही बंद कर लेता है जैसे यह कीट-पतंगों को पकड़ने के लिए करता है. यूनिवर्सिटी के मटिरियल्स साइंस ऐंड इंजीनियरिंग स्कूल में काम करने वालीं लू बताती हैं, "पौधे भी इंसानों की तरह ही होते हैं. जैसे हमारे हृदय से ईसीजी निकलते हैं वैसे ही वे भी इलेक्ट्रिक सिग्नल भेजते हैं. हमने एक तकनीक विकसित की है जो इन सिग्नलों को पकड़ सकती है. यह तकनीक पौधे की सतह से ही इलेक्ट्रिक सिग्नल पढ़ लेती है.”

वैज्ञानिक बताते हैं कि इस तकनीक के जरिए पौधों को सॉफ्ट रोबॉट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. तब पौधों को ऐसी नाजुक और बारीक चीजें उठाने के काम में लगाया जा सकता है, जो औद्योगिक उपकरणों से उठाने पर टूट सकती हैं. साथ ही ये पर्यावरण के लिए भी नुकसानदेह नहीं होंगे. वैसे विशेषज अब यह भी सोच रहे हैं कि इन्सानों और पौधों के बीच संवाद एकतरफा ही क्यों हो.

Singapur | Forschung an Pflanzen
इस तकनीक के जरिए पौधों को सॉफ्ट रोबॉट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.तस्वीर: Roslan Rahman/AFP

एनटीयू की शोध टीम अब यह उम्मीद कर रही है वे पौधों से सीधे सिग्नल पकड़ सकें और समझ सकें कि क्या कहा जा रहा है. मसलन, बीमारी या किसी असामान्य गतिविधि के संकेत, लक्षण नजर आने से पहले ही मिल सकते हैं. लू पौधों को अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल करने के बारे में सोच रही हैं. वह कहती हैं, "हम पौधों को पर्यावरण प्रदूषण जैसे गैस, जहरीली गैसें या जल प्रदूषण आदि का पता लगाने के लिए सेंसर के तौर पर इस्तेलमाल कर सकते हैं.”

लेकिन वह इस बात पर जोर देती हैं कि इस तकनीक को व्यवसायिक इस्तेमाल के लिए अभी बहुत लंबा सफर तय करना है. हालांकि उद्योग जगत में इस तकनीक को लेकर खासा उत्साह है. पौधे बेचने और लोगों को स्वास्थ्य संबंधी पर्यटन करवाने वाली कंपनी एसजी वीनसफ्लाईट्रैप के संस्थापक डैरेन इंग कहते हैं कि यह तकनीक स्वागतयोग्य है. वह कहते हैं, "अगर पौधे हमसे बात कर पाएं तो शायद उन्हें उगाना आसान हो जाएगा.”

वीके/सीके (रॉयटर्स)

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