ऊर्जा संकट से जूझते भारत और पाकिस्तान
२२ जून २०१२भारत की राजधानी दिल्ली में बिजली की आपूर्ति जरूरत के मुकाबले कम है. गर्मी के दिनों में कई बार बिजली की मांग कई बार दिन में 5000 मेगावाट से ऊपर चली जाती है. अंग्रेजी समाचार पत्र 'द पायोनियर' के मुताबिक पिछले शुक्रवार को दिल्ली में बिजली की मांग सबसे ज्यादा 5265 मेगावाट तक पहुंच गई थी जबकि आपूर्ति 5015 मेगावाट की ही थी.
नई दिल्ली के सीएसई (सेंटर फॉर साइंस एनवायरमेंट) के नवीनीकृत ऊर्जा विभाग के प्रमुख कुशल यादव कहते हैं, '' बिजली की जितनी मांग है उतना उत्पादन नहीं है इसलिए कटौती करके मांग और आपूर्ति के बीच के अंतर को पूरा किया जाता है.'' बिजली की कमी का असर पानी की आपूर्ति पर भी पड़ता है. दिल्ली से सटे उत्तरप्रदेश के नोएडा और गाजियाबाद का हाल तो और भी बुरा है. गाजियाबाद में रहने वाले एक मीडिया कर्मी का कहना है,'' औसतन हर दिन 8-10 घंटे बिजली गुल रहती है. पिछले एक सप्ताह से यही हाल था. एक दो दिनों से कुछ ठीक हुआ है.'' इसी बीच बिजली कंपनियों की कीमत बढ़ाने की मांग ने लोगों की चिंताओं को और बढ़ा दिया है. टाटा पावर ने 19.7 फीसदी तक बिजली दरें बढ़ाने की मांग की है जबकि रिलायंस की बीएसईएस राजधानी ने 19.8 फीसदी के इजाफे की मांग की है. कुशल यादव कहते हैं, '' जब उत्पादन नहीं बढ़ रहा है तो फिर कीमत तो बढ़ेगी ही. ये मांग और आपूर्ति का मामला है. निजी कंपनियां तो फायदे की ही बात करेंगी. लेकिन असली समस्या तो भारत के उन 18 हजार गांवो की है जहां आज तक बिजली पहुंची ही नहीं है. सौर उर्जा, पवन ऊर्जा और दूसरी तरह की नवीनीकृत उर्जा का इस्तेमाल करना बढ़ाना होगा.''
पाकिस्तान का हाल
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का हाल भी बुरा है. कई बड़े शहरों में 24 घंटे में से सिर्फ 6 घंटे के लिए बिजली की सप्लाई की जाती है. इसी महीने की 16 तारीख को 9 बजे रात से लेकर 17 तारीख की रात 9 बजे के बीच महज 4 घंटे के लिए बिजली की सप्लाई की गई.समानाबाद के निवासी, खालिद मलिक कहते हैं, '' इतने लंबे समय के लिए बिजली की कटौती हाल के समय में मैंने नहीं देखी थी.''मलिक का मानना है कि सरकार की गलत नीतियों की वजह से लोगों का जीवन दूभर हो गया है. बिजली कटौती से परेशान होकर लोगों ने कोट अब्दुल मलिक, गारी साहू और जोहार कस्बे में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. लोगों ने टायर जलाए और गारी साहू में पथराव भी किया. हालांकि सरकार दावा कर रही है कि वो ऊर्जा समस्या से जल्द ही निजात पा लेगी. हाल ही में स्थापित ऊर्जा प्रबंधन सेल के प्रवक्ता ने दावा किया है बिजली उत्पादन बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है ताकि मांग को पूरा किया जा सके.
रिपोर्टः विश्वदीपक
संपादनः आभा मोंढे