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ओबामा बोले, मेरी हीरो हैं सू ची

१३ नवम्बर २०१०

अमेरिकी राष्ट्रपति समेत दुनिया के सभी बड़े नेताओं और देशों ने सू ची की रिहाई का स्वागत किया है और इसके साथ ही म्यांमार के सैनिक शासन से सभी राजनीतिक कैदियों को रिहा करने की मांग की है.

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तस्वीर: AP

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आंग सू ची को, "वह मेरी नेता हैं" कहते हुए उनकी रिहाई का स्वागत किया. जापान के योकोहामा में एपेक सम्मेलन में हिस्सा लेने गए ओबामा ने कहा, "बर्मा की सरकार आंग सान सू ची को अलग करने के लिए सारी हदें पार कर गई. बावजूद इसके, उन्होंने बर्मा में शांति, लोकतंत्र और बदलाव के लिए अपनी लड़ाई जारी रखी. वह मेरी हीरो हैं और उन सबकी भी जो दुनिया और बर्मा में मानवाधिकारों के लिए काम कर रहे हैं."

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रिहा होने के बाद सू चीतस्वीर: AP

अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने संदेश में म्यांमार का पुराना नाम ही लिया. ओबामा ने कहा, "अमेरिका लंबे समय से जरूरी इस रिहाई का स्वागत करता है और अब बर्मा की सरकार के लिए वक्त आ गया है कि वह सभी राजनीतिक कैदियों को रिहा कर दे.

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरून ने सू ची की गिरफ्तारी को एक "मजाक" बताते हुए रिहाई को "लंबे समय से जरूरी" बताया. ब्रिटेन के विदेश मंत्री विलियम हेक ने कहा है कि देश के सैनिक शासन को अब सू ची के साथ बातचीत शुरू करनी चाहिए और उन्हें म्यांमार में अपने लिए राजनीतिक भूमिका चुनने की आजादी दी जानी चाहिए. हेग ने कहा कि सू ची की रिहाई म्यांमार की कई समस्याओं के खत्म होने की शुरुआत है.

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तस्वीर: AP

फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोजी ने रिहाई का स्वागत करते हुए सू ची पर किसी तरह की पाबंदी लगाए जाने के खिलाफ चेतावनी दी है. सारकोजी ने बयान जारी कर कहा, "फ्रांस बहुत ध्यान से इस पर नजर रखेगा कि मैडम आंग सान सू ची को उनकी खोई आजादी पूरी तरह से मिलती है या नहीं. उन पर किसी तरह की रोक या पाबंदी उनके अधिकारों का हनन होगा जिसे स्वीकार नहीं किया जाएगा."

यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष होजे मैनुएल बरोसो ने सू ची की रिहाई पर कहा कि वह बहुत खुश हैं. अपने बयान में बरोसो ने कहा, "20 साल तक संघर्ष करने के बाद सू ची अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साहस और उम्मीद की मिसाल बन गई हैं. उन्हें अब हर तरह से बोलने, घूमने और राजनीतिक प्रक्रिया में शामिल होने की पूरी आजादी मिलनी चाहिए."

अंतरराष्ट्रीय संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने सू ची की रिहाई की रिहाई को एक अच्छा कदम बताते हुए म्यांमार की जेलों में बंद 2200 दूसरे कैदियों की तरफ लोगों को ध्यान खींचा है. एमनेस्टी इंटरनेशनल के महासचिव सलिल शेट्टी की तरफ से जारी बयान में कहा गया, "आंग सान सूची की रिहाई का निश्चित रूप से स्वागत है. यह केवल अन्याय से भरी एक सजा के खत्म होने का प्रतीक है जिसे गैरकानूनी रूप से आगे बढ़ाया गया. उनकी रिहाई को सरकार से मिली किसी तरह की छूट के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए."

आसियान के महासचिव सुरीन पित्सुवान ने शनिवार को सू ची की रिहाई के बाद चैन की सांस ली है और उम्मीद जताई है कि सू ची को अब दोबारा गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. पित्सुवान ने कहा, "मैं बहुत निश्चिंत हो गया हूं और मुझे उम्मीद है कि इसके साथ ही म्यांमार में सही मायने में सुधार का सिलसिला शुरू होगा और सू ची इसमें एक बड़ी भूमिका निभाने में कामयाब होंगी." आसियान पूर्वी एशियाई देशों का संगठन है जिसके सदस्यों में म्यांमार भी है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः वी कुमार

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