जूलियान असांज के प्रत्यर्पण पर सुनवाई होगी शुरू
७ सितम्बर २०२०अमेरिका असांज को प्रत्यर्पण के जरिए देश के अंदर ला कर उन पर अफगानिस्तान और इराक में हुए युद्धों से संबंधित गुप्त जानकारी छापने के आरोपों पर मुकदमा चलाना चाहता है. 49 वर्षीय असांज मूल रूप से ऑस्ट्रेलिया के नागरिक हैं और फिलहाल उच्च सुरक्षा वाली एक जेल में रिमांड पर बंद हैं. अमेरिकी सरकार के वकीलों ने उन पर 18 आरोप लगाए हैं, जिनके तहत दोषी पाए जाने पर उन्हें 175 साल जेल की सजा सुनाई जा सकती है.
लंदन के केंद्रीय आपराधिक कोर्ट ओल्ड बेली में होने वाली यह सुनवाई तीन से चार हफ्तों तक चल सकती है. इसे अप्रैल में ही शुरू होना था लेकिन कोरोना वायरस महामारी की वजह से इसे आगे बढ़ा दिया गया था. "डोंट एक्सट्रडाइट असांज कैंपेन" के जॉन रीस ने कहा कि "लगभग तय" ही है कि जो भी पक्ष हारेगा वो फैसले के खिलाफ अपील जरूर करेगा. इससे असांज के जेल में और ज्यादा समय बिताने की संभावना अधिक बढ़ जाएगी.
रीस ने एएफपी को बताया कि असांज का पक्ष "बहुत मजबूत" है लेकिन उन्हें यह चिंता है कि मामला अब "काफी अधिक राजनीतिकरण" हो चुका है. इससे पहले फरवरी में हुई एक सुनवाई के दौरान बताया गया था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप इस शर्त मर असांज को माफ कर देने को तैयार हैं अगर वो इस बात से इनकार कर दें कि 2016 के अमेरिकी चुनावों के दौरान ट्रंप की प्रतिद्वंदी हिलेरी क्लिंटन के अभियान से रूस ने ईमेलों को लीक किया था.
असांज पर 2010 में अफगानिस्तान और इराक में अमेरिका के सैन्य अभियानों की विस्तृत जानकारी वाली 5,00,000 गुप्त फाइलें जारी करने के लिए अमेरिका के जासूसी कानून के तहत आरोप लगाए गए हैं. वॉशिंगटन का दावा है कि उन्होंने इंटेलिजेंस ऐनालिस्ट चेल्सी मैनिंग की इन कागजात को चुराने में मदद की और फिर लापरवाही से अपने गुप्त सूत्रों की पहचान पूरी दुनिया में जाहिर कर दी.
फरवरी वाली सुनवाई में उनके वकील एडवर्ड फिजेराल्ड ने कहा था कि उनके मुवक्किल को अमेरिका में न्यायपूर्ण सुनवाई नहीं मिलेगी और वो एक आत्महत्या जैसा जोखिम होगा. अमेरिकी सरकार के वकील जेम्स लूइस ने कहा था कि विकीलीक्स "अमेरिका के इतिहास में गुप्त जानकारी जाहिर करने के सबसे बड़े मामलों से एक" की जिम्मेदार है. उन्होंने यह भी कहा था, "पत्रकारिता के बहाने आपराधिक गतिविधियां नहीं की जा सकतीं और कानूनों को तोड़ा नहीं जा सकता."
असांज की पार्टनर और उनके 2 बच्चों की मां स्टेल्ला मोरिस ने मार्च में उन्हें रिहा करवाने की कोशिश भी की थी. उन्होंने दावा किया था कि कोरोना वायरस तालाबंदी की वजह से जेल के अंदर असांज की जान को खतरा है. 37-वर्षीय मोरिस ने 'द टाइम्स' अखबार में शनिवार को छापे एक साक्षात्कार में कहा, "जूलियान के लिए प्रत्यर्पण मौत की सजा के समान होगा." उन्होंने कहा कि उन्हें यह डर है कि जूलियान खुद अपनी जान ले लेंगे और उनके बेटे पिता के बिना ही बड़े होने पर मजबूर हो जाएंगे.
असांज के दोनों बेटों का जन्म तब हुआ था जब उन्होंने लंदन में एक्वाडोर के दूतावास में शरण ली हुई थी. फरवरी में अदालत में असांज कमजोर और परेशान नजर आ रहे थे. बताया गया था कि वो अपने जन्म की तारीख भूल गए थी. उन्होंने जज को यह भी बताया था कि सुनवाई में क्या हुआ उन्हें समझ में नहीं आया था. उनकी लीगल टीम ने कई बार उनके स्वास्थ्य के बारे में चेतावनी दी है और संयुक्त राष्ट्र के अधिकार विशेषज्ञ ने पिछले साल नवंबर में कहा था कि अगर उनकी हिरासत जारी रही तो उनकी जान को खतरा है.
इसी बीच, अधिकार समूह कॉउन्सिल ऑफ यूरोप ने चेतावनी दी है कि असांज के प्रत्यर्पण का प्रेस की आजादी पर एक "गहरा असर" पड़ेगा. असांज के दूसरे समर्थकों में पिंक फ्लॉयड के सह-संस्थापक रॉजर वॉटर्स, अभिनेत्री पामेला एंडरसन, डिजाइनर विवियन वेस्टवुड और ग्रीस के पूर्व वित्त-मंत्री यानिस वारुफाकिस शामिल हैं.
सीके/एए (एएफपी)
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