बांग्लादेश की गोलीबारी में भारतीय बीएसएफ का जवान मरा
१८ अक्टूबर २०१९गुरुवार को भारतीय सुरक्षा बल ने जानकारी दी कि पश्चिम बंगाल में नदी की सीमा पर हुई गोलीबारी में एक सैनिक की मौत हुई है. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के जवानों ने मछली पकड़ने गए तीन मछुआरों को पकड़ लिया था. बाद में दो मछुआरों को छोड़ दिया गया जबकि एक को हिरासत में ही रखा गया. इन मछुआरों ने भारत के बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) को जा कर यह बात बताई. इसके बाद बीएसएफ के छह जवान एक स्पीडबोट में सवार हो कर पद्मा नदी के एक द्वीप पर मछुआरों को छुड़ाने पहुंचे. बीएसएफ का कहना है, "नदी की सीमा पर बांग्लादेशी सीमा प्रहरियों की फायरिंग में एक प्रहरी की मौत हो गई जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया"
उधर बांग्लादेश की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि भारतीय सुरक्षाबलों ने पहले फायरिंग की. बीजीबी के मुताबिक उन्होंने, "पहले जबरन मछुआरे को ले जाने की कोशिश की" जबकि बांग्लादेशी सुरक्षाबलों ने ऐसा करने से रोका. बीजीबी ने कहा है कि भारतीय सुरक्षाबल, "नाराज हो गए और फायरिंग शुरू कर दी. वे अपनी स्पीड बोट भारत ले गए और पूरे रास्ते फायरिंग करते रहे. इसके बाद (बीजेबी के) गश्ती दल ने आत्मरक्षा में उन पर फायरिंग की."
बीएसएफ ने मारे गए जवान का नाम हेड कांस्टेबल विजय भान सिंह बताया है. दूसरे जवान को अस्पताल में भर्ती किया गया है. बांग्लादेश का कहना है कि दोनों पक्षों के अधिकारियों ने इस घटना के बाद मुलाकात की है और इस बात की जांच करने पर सहमत हुए हैं.
सुंदरबन के इलाके में अवैध मछली का शिकार कोई नई बात नहीं है. यूनेस्को की विश्व विरासतों में शामिल यह इलाका भारत और बांग्लादेश की सीमा पर है और अपने मैंग्रोव के जंगलों के लिए विश्वविख्यात है. यहां हिलसा मछली पाई जाती है जो बड़े चाव से खाई जाती है. पूरे साल इस इलाके में हजारों लोग मछली का शिकार करते हैं. दोनों तरफ से मछुआरों को पकड़ने की घटनाएं अकसर होती हैं लेकिन उन्हें बाद में बातचीत के बाद छोड़ दिया जाता है.
भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा पर संबंध अच्छे हैं और हाल के कई वर्षों के बाद इस तरह की कोई घटना हुई है जिसमें किसी की जान गई हो. जुलाई 2008 में भारत के सुरक्षाबलों ने दो बांग्लादेशी सीमा प्रहरियों को गोली मार दी थी. उस दौरान यह गार्ड उत्तर पश्चिमी फ्रंटियर पर गश्त लगा रहे थे. इससे पहले अगस्त 2005 में भी दोनों ओर पश्चिम बंगाल की महानंदा नदी में गोलीबारी हुई थी लेकिन इसमें कोई जख्मी नहीं हुआ था.
एनआर/आईबी (एएफपी)
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