लीबिया पर ईयू और नाटो की बैठक
१० मार्च २०११अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने कहा है कि लीबिया में कर्नल मुअम्मर गद्दाफी की सरकार के खिलाफ नो फ्लाई जोन सहित सभी सैन्य विकल्पों पर विचार हो रहा है. इस बारे में ब्रसेल्स में नाटो रक्षा मंत्रियों की बैठक में चर्चा होगी. हालांकि नाटो प्रमुख अंदर्स फो रासमुसेन तुरंत लीबिया में हस्तक्षेप से इनकार कर रहे हैं. ब्रिटेन से स्काई न्यूज से बातचीत में उन्होंने कहा, "लीबिया में हस्तक्षेप की हमारी कोई योजना नहीं है लेकिन हमने अपनी सेनाओं से कहा है कि वे किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अपनी तैयारियां पूरी रखें."
जाविया पर फिर कब्जा
उधर लीबिया के एक विद्रोही ने कहा है कि राजधानी त्रिपोली के नजदीक जाविया शहर के मुख्य केंद्र पर सरकार विरोधियों ने फिर से नियंत्रण कर लिया है.
लीबिया के खिलाफ कार्रवाई में इटली के ठिकानों की अहम भूमिका होगी. उसने कहा कि नाटो, यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र लीबिया के बारे में जो भी फैसला लेंगे, वह उसे मंजूर होगा. इस तरह जरूरत पड़ने पर नेपल्स में तैनात अमेरिकी युद्धपोतों को आगे बढ़ने का रास्ता साफ हो गया है.
वैसे अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन कहती हैं कि लीबिया पर नो फ्लाई जोन संयुक्त राष्ट्र की अनुमति के बिना लागू नहीं किया जा सकता. इस बारे में अमेरिकी नेतृत्व में कोई पहल नहीं हो सकती. हालांकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य चीन और रूस का रुख इस बारे में अभी ठंडा ही है. नो फ्लाई जोन लागू होने से लीबिया सरकार अपने विरोधियों पर गोलाबारी नहीं कर सकेगी. लीबिया वायु रक्षा प्रतिष्ठानों को भी निशाना बनाया जा सकता है.
विदेश मंत्रियों की बैठक
गुरुवार को ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों की भी बैठक हो रही है. इसमें 27 सदस्यों वाला संघ मिस्र और ट्यूनीशिया में राजनीतिक बदलाव की प्रक्रिया का समर्थन कर सकता है जबकि लीबिया में गद्दाफी सरकार पर दबाव बनाने के लिए अधिक प्रतिबंध और दूसरे राजनीतिक कदमों पर सहमति बन सकती है. इस बीच गद्दाफी सरकार ने अपनी राजनयिक मुहिम तेज कर दी है. उसने मिस्र और पुर्तगाल में अपने प्रतिनिधि भेजे हैं. गुरुवार को ब्रसेल्स में लीबिया के प्रतिनिधि नाटो और यूरोपीय संघ के नेताओं से भी मिल सकते हैं.
गद्दाफी ने अपने खिलाफ बगावत को जाविया में बमबारी और पूर्वी हिस्से पर नियंत्रण करने वाले विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई कर दबाव की कोशिश की. लेकिन जाविया से एक विद्रोही ने रॉयटर्स समाचार एजेंसी को बताया, "अल्लाह का शुक्र है. हम शहर के बीचोंबीच बैठे हैं. हमारे लिए यह जिंदगी और मौत का सवाल है. हमें सिर्फ उसके खिलाफ लड़ना है."
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः वी कुमार