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सेना में भर्ती घोटाला, 17 अधिकारियों पर सीबीआई को शक

१६ मार्च २०२१

सीबीआई का दावा है कि उसने भारतीय सेना में एक बड़े भर्ती घोटाले का भंडाफोड़ किया है. एजेंसी ने 23 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिनमें लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के पांच अधिकारियों समेत सेना के कुल 17 अधिकारी शामिल हैं. 

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Russland Moskau Siegesparade 2015
तस्वीर: Imago Images/Xinhua/J. Yuchen

सैन्य अधिकारियों के अलावा सीबीआई ने अलग अलग अधिकारियों के छह रिश्तेदारों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है. सेना ने कहा है कि उसकी अपनी खुफिया एजेंसी पहले ही मामले की जांच कर चुकी है और अब चूंकि इसमें नागरिक भी शामिल पाए गए हैं और तफ्तीश के लिए कई एजेंसियों के बीच समन्वय की जरूरत होगी, इसीलिए जांच को सीबीआई के हवाले कर दिया गया है.

सीबीआई ने सोमवार 15 मार्च को इस जांच के तहत पूरे देश में 30 अलग अलग ठिकानों पर छापे मारे. इनमें पंजाब में कपूरथला और बठिंडा, दिल्ली, हरियाणा में कैथल और पलवल, उत्तर प्रदेश में लखनऊ, बरेली और गोरखपुर, विशाखापत्तनम, जयपुर और असम में गुवाहाटी, जोरहाट और चिरंगांव में ठिकाने शामिल हैं. सीबीआई ने कहा है कि इन छापों में कई कागजात मिले हैं और इनका अध्ययन किया जा रहा है.

सीबीआई की एफआईआर ब्रिगेडियर (विजिलेंस) वीके पुरोहित की शिकायत पर आधारित हैं. उन्होंने कहा था कि 28 फरवरी 2021 को उन्हें जानकारी मिली थी कि सेना में भर्ती के लिए अस्थायी रूप से ठुकरा दिए गए उम्मीदवारों को दिल्ली के बेस अस्पताल में मेडिकल परीक्षा में पास कराने के लिए सेना के कई कर्मचारियों ने रिश्वत ली. सैन्य कर्मचारियों पर सेना के सर्विसेज सेलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) के कई केंद्रों पर रिश्वत लेने के आरोप लगे हैं.

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भर्ती के लिए रिश्वत लेने का घोटाला भारतीय सेना की छवि पर हावी पड़ रहा है.तस्वीर: Mukhtar Khan/AP/picture alliance

इस मामले में एक नायब सूबेदार पर आरोप है कि उसने एक हवलदार के बेटे का एसएसबी में चयन कराने के लिए उस हवलदार से पैसे लिए. एक लेफ्टिनेंट पर आरोप है कि उसने अपने चयन के लिए इसी नायब सूबेदार और एक लेफ्टिनेंट कर्नल को 10 लाख रुपये की रिश्वत दी. इस मामले को लेकर सरकार और सेना में उच्च पदों तक चिंता की लहर दौड़ गई है, जिसकी वजह से मामले की तह तक पहुंचने के लिए तुरंत कार्यवाई की जा रही है. सेना से सेवानिवृत्त अधिकारियों ने भी मामले पर आश्चर्य और खेद जाहिर किया है.

सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल उत्पल भट्टाचार्य ने डीडब्ल्यू से कहा कि सेना में इस तरह के भ्रष्टाचार को रोकने के लिए पर्याप्त इंतजाम हैं, लेकिन इसके बावजूद इस मामले को देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता कि सेना भ्रष्टाचार से परे है. उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में और नतीजों तक पहुंचने से पहले जांच पूरी हो जाने का इंतजार करना चाहिए.

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