सोलर फार्म पूरी करेंगे बिजली की जरूरत
१८ अक्टूबर २०१८नवीकरणीय स्रोतों से बांग्लादेश में बिजली का उत्पादन बढ़ा है. हाल ही में खोले गए नए सोलर प्लांट के बाद अक्षय ऊर्जा से कुल बिजली उत्पादन का पांच प्रतिशत पूरा किया जा सकेगा. विशेषज्ञों को उम्मीद है कि आने वाले वक्त में कुल बिजली उत्पादन का दस फीसदी हिस्सा नवीकरणीय ऊर्जा से हासिल किया जा सकेगा. कॉक्स बाजार में स्थित नए सोलर प्लांट से 28 मेगावाट बिजली पैदा की जा सकेगी.
बांग्लादेश सौर एवं नवीकरणीय ऊर्जा संघ के अध्यक्ष दीपल सी. बरुआ के मुताबिक फिलहाल 50.2 लाख छोटे सोलर होम सिस्टम की बदौलत बांग्लादेश की कुल बिजली का 12 प्रतिशत उत्पादन किया जाता है. वह नए सोलर प्लांट को देश के लिए खुशखबरी मानते हैं और कहते हैं कि इससे निवेशकों में आत्मविश्वास जागेगा. जूल्स पावर लिमिटेड के मुख्य वित्तीय अधिकारी महमुदूल हसन कहते हैं कि टेकनाफ में फैले इस 116 एकड़ के सोलर प्लांट से वहां के लोगों की 80 फीसदी मांग को पूरा किया जाएगा.
बांग्लादेश में सौर ऊर्जा के भविष्य को लेकर टेकनाफ सोलरटेक एनर्जी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर नुहेर लतीफ खान उत्साहित हैं. वह मानते हैं कि बांग्लादेश में सौर ऊर्जा का शानदार भविष्य है. उन्होंने भरोसा जताया है कि आने वाले वक्त में उनकी कंपनी नवीकरणीय ऊर्जा में और निवेश करेगी.
बरुआ मानते हैं कि सोलर प्लांट को लगाने के शुरुआती चरण में बड़े निवेश की जरूरत पड़ती है लेकिन इसके बाद रखरखाव की लागत बेहद कम होती है. बांग्लादेश की सरकार ने फैक्टरियों की छतों के ऊपर सोलर प्लांट लगाने को बढ़ावा दिया है. हालांकि वह कहते हैं कि घनी आबादी वाले बांग्लादेश में खाली जमीन पर सोलर प्लांट लगाना चुनौती है. सतत और नवीकरणीय ऊर्जा विकास प्राधिकरण के निदेशक शेख रियाज अहमद के मुताबिक, नवीकरणीय ऊर्जा को लेकर बांग्लादेश की 2008 की नीति के तहत 2020 तक कुल बिजली का 10 प्रतिशत उत्पादन करने का लक्ष्य है. वह बताते हैं कि इसके लिए निर्माण चल रहा है हालांकि भूमि अधिग्रहण और अन्य मुद्दों की वजह से रुकावटें आ रही है.
सौर ऊर्जा को लेकर बांग्लादेश में तेजी देखी जा रही है लेकिन इसके साथ ही पारंपरिक तरीकों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. पिछले साल बांग्लादेश की कैबिनेट कमिटी ने तेल से चलने वाले दस बिजली संयंत्रों को मंजूरी दे दी. जनवरी 2018 में कॉक्स बाजार में 1200 मेगावाट वाला कोयला बिजलीघर शुरू किया गया. अहमद के मुताबिक, ''हर साल पारंपरिक स्रोतों से कुल बिजली उत्पादन भी बढ़ रहा है. इसका मतलब है कि बांग्लादेश में नवीकरणीय ऊर्जा से बिजली पाना आसान नहीं होगा.''
वीसी/एमजे (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन)