सऊदी अरब ने रोका दुनिया का सबसे बड़ा सोलर प्रोजेक्ट
२ अक्टूबर २०१८सऊदी अधिकारियों के हवाले से अमेरिका के कारोबारी अखबार द वॉल स्ट्रीट जर्नल (डब्ल्यूएसजे) ने छापा है कि अब सरकार देश में अक्षय ऊर्जा के अधिक व्यावाहारिक विकल्पों पर काम कर रहा है. साथ ही उसने दुनिया के सबसे बड़े सोलर प्रोजेक्ट की योजना को फिलहाल टाल दिया है. कयास लगाए जा रहे थे कि इस सौर परियोजना के तहत साल 2030 तक 200 गीगावाट ऊर्जा का उत्पादन हो सकेगा.
डब्ल्यूएसजे ने सऊदी सरकार के एक वरिष्ठ सलाहकार के हवाले से लिखा है, "यह योजना लोगों का ध्यान खींचने के लिए काफी है लेकिन व्यावाहारिक स्तर पर कतई आसान नहीं है." सूत्रों के मुताबिक अब इस परियोजना को लेकर कोई भी सक्रिय नहीं है. 200 अरब डॉलर की इस परियोजना में पार्टनर सॉफ्ट बैंक की तरफ से फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की गई है. जापानी कंपनी सॉफ्ट बैंक ने सऊदी अरब के साथ मिलकर पहले ही इस योजना के लिए 100 अरब डॉलर का विजन फंड नाम से वेंचर तैयार कर लिया था. इसका मकसद देश के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र के साथ-साथ दूसरे क्षेत्रों में तकनीकी निवेश बढ़ाना रहा है.
अधिक व्यापक नीति
सूरज की भरपूर रोशनी और रेगिस्तान की उपलब्धता के बावजूद अब तक सऊदी अरब सौर ऊर्जा क्षमताएं विकसित नहीं कर सका है. इसके बजाय देश मुख्य रूप से जीवाश्म ईंधन से प्राप्त ऊर्जा पर निर्भर है. क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की योजना देश की तेल पर निर्भरता को घटाकर अर्थव्यवस्था को और भी व्यापक बनाने की है. हालांकि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उच्च लागत और अन्य बाधाएं इसे रोक रही हैं. इस परियोजना के पहले चरण पर ही अकेले 1 अरब डॉलर का खर्च अनुमानित था, जिसकी भरपाई इस साल के विजन फंड से होनी थी. अधिकारियों के मुताबिक, सऊदी अरब ने अब तक इस परियोजना पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है. इसमें भूमि अधिग्रहण, बुनियादी ढांचा और राज्य की ओर से मिलने वाली सब्सडी जैसी बातें अहम हैं. अधिकारी कह रहे हैं कि सरकार अब अधिक व्यापक ऊर्जा नीतियों की घोषणा करने की तैयारी कर रही है.
उवे हेस्लर