पाकिस्तान में आने वाले महीनों में और बढ़ेगी खाद्य असुरक्षा
३१ मई २०२३संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) और विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने संयुक्त रूप से जून और नवंबर 2023 के बीच की अवधि के लिए खाद्य असुरक्षा पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है. जिसमें प्रारंभिक चेतावनी जारी की गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा वैश्विक आर्थिक मंदी के बीच बढ़ते सार्वजनिक कर्ज से पाकिस्तान का वित्तीय संकट गहरा गया है.
पिछले साल की विनाशकारी बाढ़ के बाद पाकिस्तान 'खाद्य असुरक्षा' का सामना कर रहा है. पाकिस्तान को अप्रैल 2023 और जून 2026 के बीच 77.5 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज चुकाना होगा, जो कि 2021 में 350 अरब डॉलर के सकल घरेलू उत्पाद की तुलना में एक महत्वपूर्ण राशि है.
राजनीतिक अस्थिरता बढ़ते वित्तीय संकट का कारण
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान की बढ़ती राजनीतिक अस्थिरता और सुस्त सुधारों की वजह से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी उसके लिए नया कर्ज आवंटन रोक दिया है. साथ ही उसके साथी देश मदद करने से हिचक रहे हैं.
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि अक्टूबर 2023 में प्रस्तावित आम चुनाव से पहले देश के उत्तर-पश्चिम में खाद्य असुरक्षा के कारण राजनीतिक संकट और नागरिक अशांति बढ़ने की संभावना है. विदेशी मुद्रा की कमी और पाकिस्तानी रुपये के मूल्य में आ रही गिरावट से देश की आवश्यक खाद्य और ऊर्जा आयात करने की क्षमता भी कम होती जाएगी.
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल आई बाढ़ की वजह से यह स्थिति और जटिल हो गई है. बाढ़ के कारण पाकिस्तान के कृषि क्षेत्र को 30 अरब रुपये का नुकसान हुआ था. संयुक्त राष्ट्र की इस रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर से दिसंबर 2022 के बीच 85 लाख से ज्यादा लोग खाद्य असुरक्षित थे.
पाकिस्तान में भुखमरी की स्थिति 'गंभीर'
रिपोर्ट में कहा गया है कि आउटलुक पीरियड यानी जून से नवंबर 2023 के दौरान खाद्य असुरक्षा की स्थिति और खराब होने की संभावना है. क्योंकि आर्थिक और राजनीतिक संकट लोगों की क्रय शक्ति को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा और नागरिकों की भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुओं को खरीदने की क्षमता कम हो जाएगी.
रिपोर्ट के मुताबिक इस स्थिति में संभावित गिरावट बाढ़ के विनाशकारी प्रभावों के कारण भी है. बाढ़ ने कृषि क्षेत्र को नुकसान पहुंचाया है, किसानों के पशुओं की बड़ी संख्या में मृत्यु हो गई है, अनाज उत्पादन और रोजगार के अवसरों की उपलब्धता भी बुरी तरह से प्रभावित हुई है.
संयुक्त राष्ट्र ने सलाह दी है कि राष्ट्रीय और प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों की क्षमता में और सुधार किए जाने की जरूरत है.
संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि 22 देशों में भोजन की गंभीर कमी से प्रभावित 81 क्षेत्रों में खाद्य असुरक्षा की स्थिति और खराब होने की संभावना है.
इनमें अफगानिस्तान, नाइजीरिया, सोमालिया, दक्षिण सूडान और यमन चिंताजनक रूप से प्रभावित देशों में शामिल हैं, जबकि हैती, बुर्किना फासो, माली, सूडान, इथियोपिया, केन्या, कांगो और सीरिया भी इस सूची में शामिल हैं.
एए/सीके (रॉयटर्स, एएफपी, एपी)