1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

यूरोप और अमेरिका ने किया रूस के खिलाफ प्रतिबंधों का ऐलान

२३ फ़रवरी २०२२

यूरोपीय संघ ने रूस पर लगाए जाने वाले प्रतिबंधों पर फैसला कर लिया है. रूस द्वारा यूक्रेन को दो प्रांतों को अलग राष्ट्रों के रूप में मान्यता दिए जाने के खिलाफ ये प्रतिबंध लगाए जाएंगे.

https://p.dw.com/p/47Rmv
जर्मनी में रूस विरोधी प्रदर्शन
जर्मनी में रूस विरोधी प्रदर्शनतस्वीर: Anna Savchuk/DW

यूरोपीय संघ ने फैसला किया है कि रूस के बैंकों और धनी नेताओं को निशाना बनाते हुए प्रतिबंध लगाए जाएंगे. रूस ने सोमवार को यूक्रेन के दो प्रांतों को अलग राष्ट्रों के रूप में मान्यता दे दी थी, जिसके जवाब में यूरोपीय संघ यह कार्रवाई कर रहा है. आने वाले कुछ ही दिनों में इन प्रतिबंधों का ऐलान किया जा सकता है.

फ्रांस के विदेश मंत्री ज्याँ-इवेस ला ड्रियाँ ने मंगलवार को पुष्टि की कि रूस पर प्रतिबंधों पर यूरोपीय संघ के सभी सदस्य एकमत हैं. संघ के विदेश मामलों के प्रमुख योसेप बोरेल ने कहा कि ये प्रतिबंध, "रूस को नुकसान पहुंचाएंगे, और बहुत नुकसान पहुंचाएंगे."

पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में सेना भेजने का आदेश दिया, दो गणतंत्रों को मान्यता दी

बोरेल ने कहा कि यूरोपीय संघ रूस के उन 351 सांसदों को निशाना बनाएगा जिन्होंने डोनेत्स्क और लुहांस्क को मान्यता देने के पक्ष में मतदान किया था. इसके अलावा 27 लोगों और संस्थाओं को भी प्रतिबंधों के दायरे में रखा जाएगा, जिनसे यूक्रेन की संप्रभुता को खतरा है.

इन लोगों में रूसी उद्योगपति, मीडियाकर्मी और राजनेता शामिल हैं, जिनके लिए बोरेल ने ‘ओलिगार्क' शब्द का प्रयोग किया. सोवियत रूस के समय ओलिगार्क ऐसे धनी रूसी लोगों को कहा जाता था, जो राजनीतिक रूप से अत्याधिक प्रभावशाली होते थे.

आक्रामकता का जवाब

प्रस्तावित प्रतिबंधों के मसौदे में कहा गया है कि उन सभी को निशाना बनाया जाएगा जो यूक्रेन पर ‘अवैध फैसले' में शामिल थे. जैसे कि रूसी सेना और पूर्वी यूक्रेन के इलाकों में अन्य संगठनों को धन उपलब्ध कराने वाले बैंकों को प्रतिबंध झेलने होंगे.

इस प्रस्ताव को अब यूरोपीय संघ के मुख्यालय ब्रसेल्स से औपचारिक अनुमति की जरूरत है. यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला फॉन डेय लाएन ने कहा कि आज की यह कार्रवाई रूस के आक्रामक व्यवहार का जवाब है.

जानिए यूक्रेन संकट से जुड़े 'मिंस्क समझौते' के बारे में

उन्होंने कहा, "अगर रूस इस संकट को बढ़ाना जारी रखता है, जो उसने खुद पैदा किया है, तो हम और भी कदम उठाने को तैयार हैं." सोमवार को ही रूस ने पूर्वी यूक्रेन के दो क्षेत्रों की मान्यता का आदेश जारी किया था. वहां के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस आदेश पर हस्ताक्षर किए जिसमें कहा गया है कि रूस इन दो क्षेत्रों, डोनेत्स्क पीपल्स रिपब्लिक और लुहांस्क पीपल्स रिपब्लिक की आजादी को मान्यता देता है.

अन्य देशों की कार्रवाई

रूस के खिलाफ कई अन्य देशों ने भी कार्रवाई का ऐलान किया है. इनमें अमेरिका और जर्मनी प्रमुख हैं. जर्मनी ने रूस से गैस लाने के लिए बनाई गई नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन की लाइसेंसिंग प्रक्रिया रोक दी है. जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने कहा कि इस तरह के संकट वाले माहौल में जर्मनी गैस पाइप लाइन प्रोजेक्ट को लेकर आगे नहीं बढ़ेगा. जापान और ब्रिटेन ने भी रूस पर प्रतिबंधों का ऐलान किया है.

बार-बार झगड़े में क्यों फंसती है नॉर्ड स्ट्रीम-2 गैस पाइपलाइन

अमेरिका ने भी रूस के खिलाफ प्रतिबंधों की पहली सूची का ऐलान कर दिया है. वहां के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों को बताया कि रूस के दो बड़े वित्तीय संस्थानों के खिलाफ प्रतिबंध लगाए जाएंगे. साथ ही, रूस के धनी लोगों और उनके परिजनों पर भी प्रतिबंध लगेंगे.

रूसी हमले की आशंका से उठाए हथियार

बाइडेन ने कहा कि पहले चरण में वीईबी बैंक और रूस की सेना के बैंक प्रोमसियाजबैंक प्रतिबंधों के दायरे में होंगे. साथ ही रूस के पश्चिमी देशों से किसी भी वित्तीय सुविधा लेने पर भी पाबंदी होगी.

रूस ने क्या कहा

पश्चिमी देशों द्वारा कार्रवाई के बीच रूस ने कहा है कि समस्या का यही हल है कि यूक्रेन नाटो सदस्यता का विचार त्याग दे. पुतिन ने कहा, "सर्वोत्तम हल यह है कि कीव की मौजूदा सरकार नाटो की सदस्यता खुद ही नकार दे और निष्पक्ष रहे."

व्लादिमीर पुतिन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने कुछ मांगें रखी हैं जिनमें क्रीमिया को रूस के हिस्से के रूप में मान्यता देना भी शामिल है.

वीके/एए (डीपीए, एपी, रॉयटर्स)

 

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी