भारत में जी20 की दूसरी बड़ी बैठक, यूक्रेन पर दुविधा कायम
१ मार्च २०२३जी20 की बैठक मुख्य रूप से गुरूवार दो मार्च को होगी. बैठक के लिए रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव समेत कई देशों के विदेश मंत्री भारत आ चुके हैं और कई और आने वाले हैं. यूक्रेन युद्ध के एक साल के बाद भी चलते रहने की पृष्ठभूमि में हो रही इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
लावरोव दिल्ली पहुंच कर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिले और दोनों नेताओं ने कई विषयों पर बातचीत की. जी20 के मौजूदा अध्यक्ष होने के नाते भारत का काम है सभी सदस्य देशों के लिए जरूरी मुद्दों के बीच संतुलन बनाना, लेकिन जैसा कि इससे पहले बेंगलुरु में हुई समूह के वित्त मंत्रियों की बैठक में देखा गया, यह काम बेहद मुश्किल होता जा रहा है.
बेंगलुरु की बैठक में भारत बिल्कुल नहीं चाह रहा था कि यूक्रेन युद्ध पर चर्चा हो. लेकिन पश्चिमी देशों ने जोर देकर कहा कि अगर बैठक के नतीजे में रूस की निंदा को शामिल नहीं किया जाएगा तो वो उसका समर्थन नहीं करेंगे. अंत में एक साझा विज्ञप्ति की जगह बस एक बयान जारी हो पाया और उस पर भी चीन और रूस ने हस्ताक्षर करने से मना कर दिया.
यूक्रेन पर दुविधा
नई दिल्ली में विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले एक प्रेस वार्ता में विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि बैठक के सत्रों में वैश्विक साउथ के देशों के मुद्दों को सामने रखने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने यह भी बताया कि 'रूस-यूक्रेन संघर्ष' पर चर्चा होगी.
इस बैठक में संयुक्त बयान पर सहमति हो पाएगी या नहीं पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बैठक का नतीजा क्या होगा यह अभी से कहा नहीं जा सकता है. जापान के विदेश मंत्री हयाशी योशिमासा बैठक के लिए नहीं आ रहे हैं और इस बात पर बहस चल रही है कि क्या जापान भारत को किसी तरह का संकेत दे रहा है.
लेकिन मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक क्वात्रा ने प्रेस वार्ता में कहा कि योशिमासा घरेलु व्यस्तताओं की वजह से नहीं आ पा रहे हैं और भारत और जापान के बीच काफी अच्छा सहयोग है.
क्या कहेंगे लावरोव
इससे पहले इंडोनेशिया के बाली में हुई जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक में लावरोव के संबोधन के बाद विवाद खड़ा हो गया था क्योंकि लावरोव अपनी बात कह कर कमरे से निकल गए थे. यह उसके बाद पहली ऐसी वैश्विक बैठक है जिसमें लावरोव दूसरे, विशेष रूप से पश्चिमी, देशों के विदेश मंत्रियों से मिलेंगे.
बैठक में अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन और चीन के विदेश मंत्री किन गांग के भी शामिल होने की उम्मीद है. चीन ने हाल ही में यूक्रेन युद्ध के अंत के लिए प्रस्ताव भी पेश किया है और बैठक में उस पर भी चर्चा होने की उम्मीद है.
पश्चिम के देशों ने इस प्रस्ताव के प्रति संशय व्यक्त किया है. रूस ने प्रस्ताव का स्वागत किया है लेकिन क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव के मुताबिक रूस इस समय युद्ध के एक शांतिपूर्ण समाधान के लिए शर्त को मानने की स्थिति में नहीं है.
(डीपीए के इनपुट के साथ)