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दक्षिण कोरियाई कंपनी का पबजी जैसा गेम भारत में बैन

२९ जुलाई २०२२

गूगल ने दक्षिण कोरियाई कंपनी के बनाए एक वीडियो गेम को भारत में प्रतिबंधित कर दिया है. गूगल की मालिक कंपनी अल्फाबेट ने कहा है कि ऐसा भारत सरकार के आदेश पर किया गया है.

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तस्वीर: Soumyabrata Roy/Pacific Press/picture alliance

दक्षिण कोरियाई कंपनी क्राफ्टन के एक वीडियो गेम को भारत में बैन कर दिया गया है. अल्फाबेट ने भारत सरकार के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि उसके प्लैटफॉर्म प्ले स्टोर से बैटलग्राउंड्स गेम को हटा दिया गया है. गुरुवार को यह खबर आने के बाद क्राफ्टन के शेयरों में 9 प्रतिशत की गिरावट आई. शाम को बाजार बंद होने के वक्त भी कंपनी के शेयर 5.7 प्रतिशत नीचे थे.

एक बयान में अल्फाबेट ने कहा कि भारत ने बैटलग्राउंड्स मोबाइल इंडिया (BGMI) गेम को ब्लॉक करने का आदेश दिया था जिस कारण इसे प्ले स्टोर से हटाना पड़ा. इस गेम की वेबसाइट के मुताबिक भारत में इसके दस करोड़ से ज्यादा उपभोक्ता थे. 2020 में भी क्राफ्टन के एक गेम ‘प्लेयरअननॉन्स बैटलग्राउंड्स (PUBG)' को भारत ने बैन कर दिया था.

गूगल के एक प्रवक्ता ने बताया, "आदेश मिलने पर स्थापित प्रक्रिया का पालन करते हुए हमने संबंधित डिवेलपर को सूचना दी और ऐप से उसे ब्लॉक कर दिया.” दक्षिण कोरिया की राजधानी सोल में क्राफ्टन के एक प्रवक्ता ने कहा कि भारत में दो मुख्य ऐप पर प्रतिबंध लगाने से जुड़ीं परिस्थितियों पर संबंधित अधिकारियों और कंपनियों से बातचीत हो रही है.

बीजीएमएआई भारत में गुरुवार शाम से एप्पल के ऐप स्टोर पर भी उपलब्ध नहीं थी. लेकिन यह प्रतिबंध क्यों लगाया गया है, इसकी वजह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाई है. भारत सरकर के सूचना और प्रोद्यौगिकी मंत्रालय ने भी फिलहाल इस बारे में कोई बयान जारी नहीं किया है. मामले से जुड़े एक सूत्र के हवाले से समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने कहा है कि गूगल को भारत सरकार का आदेश पिछले 24 घंटे में ही मिला था.

पबजी जैसी ऐप

भारत ने 2020 में जब पबजी को बैन किया था तो सुरक्षा कारणों का हवाला दिया था. लेकिन तब ऐसा माना गया था कि प्रतिबंध भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव का नतीजा है क्योंकि भारत में पबजी के अधिकारी चीनी कंपनी टेनसेंट के पास थे. उसी दौरान भारत ने चीन के सौ से भी ज्यादा ऐप ब्लॉक कर कर दिए थे जिनमें टिकटॉक जैसे बेहद लोकप्रिय ऐप भी शामिल थे. यह प्रतिबंध अब बढ़कर 300 से ज्यादा ऐप को अपने लपेटे में ले चुका है.

इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने अपनी खबर में लिखा है कि बीजीएमआई दरअसल पबजी का ही नया रूप था और प्रतिबंध का फैसला 16 वर्षीय एक किशोर द्वारा कथित रूप से गेम खेलने से रोकने पर अपनी मां को गोली मारने की घटना के बाद लिया गया. यह मामला भारत की संसद में भी उठाया गया था. पिछले हफ्ते ही सांसद वी विजयसाई रेड्डी ने प्रश्न पूछा था कि आईटी मंत्रालय पबजी जैसे ऐप पर क्या कार्रवाई कर रहा है क्योंकि इसके कारण "कुछ बच्चों ने गेम खेलने से रोकने पर अपराध किए.”

इस सवाल के जवाब में आईटी (राज्य) मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि मंत्रालय को इस बारे में कुछ शिकायतें मिली हैं कि जिस ऐप पर प्रतिबंध लगाया गया था, वे नए रूप-रंग में दोबारा आ गई हैं और नए या मिलते-जुलते नामों से उपलब्ध हैं. चंद्रशेखऱ ने कहा, "ऐसी सभी शिकायतें गृह मंत्रालय को भेज दी गई हैं और जांच का अनुरोध किया गया है.”

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पबजी पर प्रतिबंध के बाद जब बीजीएमआई को भारत में उतारा गया था तो क्राफ्टन ने स्पष्ट किया था कि इसके अधिकार चीनी कंपनी को नहीं दिए जाएंगे और सारी जिम्मेदारी क्राफ्टन अपने पास ही रखेगी.

रिपोर्टः विवेक कुमार (रॉयटर्स)

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