भारत में ड्रोन की उड़ान होगी आसान
२७ अगस्त २०२१केंद्र सरकार ने मानवरहित विमान प्रणाली (यूएएस) नियमों को उदारीकृत ड्रोन नियम, 2021 से बदल दिया है, जो विश्वास और स्व-प्रमाणन और गैर-घुसपैठ निगरानी के आधार पर बनाए गए हैं. नागर विमानन मंत्रालय ने मार्च, 2021 में यूएएस नियमावली, 2021 प्रकाशित की थी.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "इसे शिक्षाविदों, स्टार्टअप्स, एंड यूजर्स और अन्य हितधारकों ने स्वाभाविक रूप से प्रतिबंधात्मक माना था, क्योंकि इनमें अधिक कागजी कार्रवाई की जरूरत थी और ड्रोन की प्रत्येक उड़ान के लिए कई अनुमति लेने की जरूरत के साथ-साथ बहुत कम फ्री टू फ्लाई ग्रीन जोन उपलब्ध थे."
मंत्रालय के मुताबिक इसके बारे में मिले फीडबैक के आधार पर सरकार ने यूएएस नियमावली, 2021 को रद्द करने और उसकी जगह उदार बनाई गई ड्रोन नियमावली, 2021 लागू करने का फैसला लिया है.
मानव रहित विमान प्रणाली को आमतौर पर ड्रोन के रूप में जाना जाता है. यह प्रणाली अर्थव्यवस्था के लगभग सभी क्षेत्रों जैसे कृषि, खनन, बुनियादी ढांचा, निगरानी, आपातकालीन प्रतिक्रिया, परिवहन, भू-स्थानिक मानचित्रण, रक्षा और कानून लागू करने के बारे में अधिक लाभों का प्रस्ताव करती है.
देखें: किसानों का मददगार ड्रोन
मंत्रालय का कहना है कि ड्रोन अपनी पहुंच, प्रतिभा, सरल उपयोग के कारण, विशेष रूप से भारत के दूर-दराज तथा दुर्गम क्षेत्रों में रोजगार और आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं.
नवाचार, सूचना प्रौद्योगिकी में अपनी परंपरागत मजबूती और व्यापक घरेलू मांग को देखते हुए भारत में साल 2030 तक वैश्विक ड्रोन केंद्र बनने की संभावना है.
नए नियम के मुताबिक ग्रीन जोन में ड्रोन ऑपरेट करने के लिए कोई मंजूरी नहीं लेनी होगी और एयरपोर्ट के आस-पास के इलाकों में 8-12 किमी के क्षेत्र में 200 फीट की ऊंचाई तक भी मंजूरी नहीं लेनी होगी.
साथ ही सरकार ने नई ड्रोन नीति के तहत ड्रोन के लिए फॉर्म-मंजूरियों की संख्या 25 से घटाकर पांच कर दी है. पुराने और नियमों में भी छूट की घोषणा की गई है.