1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

अब ड्रोन कर रहे समुद्री कछुओं की रक्षा

१० जून २०२०

ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी छोर के पास रेन द्वीप पर हर साल अंडे देने के लिए आने वाली मादा कछुओं की रक्षा में ड्रोन टेक्नोलॉजी काफी सहायक सिद्ध हो रही है. ये मादाएं हर साल ग्रेट बैरियर रीफ से यहां अंडे देने आती हैं.

https://p.dw.com/p/3dYvg
Bildergalerie Australien weltgrößtes Netz Meeresschutzgebiete
तस्वीर: Mark Kolbe/Getty Images

ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं को पता लगा है कि वे समुद्री कछुओं के अंडे देने के दुनिया में सबसे बड़े स्थान पर कछुओं की आबादी का काफी काम आकलन कर रहे थे. ये एहसास उन्हें तब हुआ जब उन्होंने पहली बार इस काम के लिए ड्रोन तकनीक का सहारा लिया. ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी छोर के पास रेन द्वीप पर लगभग 60,000 मादा हरे कछुए हर साल आती हैं. ये मादाएं हर साल ग्रेट बैरियर रीफ से सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा तय कर के यहां अंडे देने आती हैं.

विलुप्त होती इन प्रजातियों की रक्षा के लिए काम करने वाले वैज्ञानिक एक लंबे समय से इस सवाल से संघर्ष कर रहे हैं कि आखिर अंडे देने वाली इन मादाओं को ट्रैक कैसे किया जाए. पिछले सप्ताह विशेषज्ञों की समीक्षा छापने वाली पत्रिका पीलोस वन में छपे एक पेपर में इन वैज्ञानिकों ने खुलासा किया कि ड्रोन का इस्तेमाल करने के बाद उन्हें पता चला है कि उनका पुराना आकलन इनकी असली संख्या का 50 प्रतिशत भी नहीं था.

ग्रेट बैरियर रीफ फाउंडेशन ने मंगलवार को अदभुत फुटेज जारी की जिसमे हजारों कछुओं को नीले समंदर में तैरते हुए देखा जा सकता है. शोधकर्ताओं ने पहले कछुओं की गिनती तब की थी जब वे अंडे देने समुद्र तट पर आए थे. एक रात में करीब 23,000 कछुओं की गिनती की गई थी और उन पर घुल जाने वाले नॉन-टॉक्सिक रंग से निशान लगा दिया गया था ताकि समुद्र में उन्हीं ज्यादा आसानी से ट्रैक किया जा सके.

शोध के मुख्य लेखक एंड्रूयू डंस्टन का कहना था, "बुरे मौसम में एक छोटी से नाव में से हजारों पेंट किए हुए और बिना पेंट किए हुए कछुओं की बिल्कुल ठीक गिनती कर लेना मुश्किल था". उन्होंने कहा, "एक ड्रोन का इस्तेमाल करना ज्यादा आसान है, सुरक्षित है, कहीं ज्यादा सटीक है और इस डाटा को तुरंत हमेशा के लिए स्टोर भी किया जा सकता है". रेन द्वीप रिकवरी प्रोजेक्ट के तहत शोधकर्ताओं के काम में द्वीप के समुद्र तट, जहां कछुए अंडे देने आते हैं, का पुनर्निर्माण और कछुओं की मृत्यु को रोकने के लिए वहां बाड़ बनाना भी शामिल है.

सीके/एए (एएफपी)

__________________________

हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी