इंडोनेशिया ने पाम ऑयल निर्यात पर बैन लगाया
२६ अप्रैल २०२२इंडोनेशिया की सरकार ने बीते हफ्ते ताड़ के तेल (पाम ऑयल) के निर्यात पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का एलान किया. खाद्य तेल में मामले में पूरी दुनिया सबसे ज्यादा पाम ऑयल ही इस्तेमाल करती है.
रूस और यूक्रेन, दुनिया में सबसे बड़े सूरजमुखी तेल के उत्पादक हैं. यूक्रेन युद्ध के कारण दुनियाभर के बाजारों से सूरजमुखी और रैपसीड ऑयल गायब हो रहा है. इसकी भरपाई के लिए कई देशों में भारी मात्रा में पाम ऑयल खरीदना शुरू कर दिया, जिसके चलते इंडोनेशिया में पाम ऑयल का दाम आसमान छूने लगा.
इंडोनेशिया दुनिया में सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश है. रमजान के महीने में वहां बड़ी संख्या में आम नागरिक रोजा भी रख रहे हैं. शाम को इफ्तारी के साथ रोजा खोलते वक्त महंगे कुकिंग ऑयल की सीधी मार वे महसूस कर रहे थे.
घरेलू बाजार में पाम ऑयल की कीमतें नीचे लाने के लिए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने एक बयान जारी करते हुए कहा, "मैं इस नीति के पालन की समीक्षा और निगरानी करता रहूंगा, ताकि देश में सहन करने लायक कीमत पर कुकिंग ऑयल की पर्याप्त सप्लाई बनी रहे."
दुनिया भर के देशों में महंगा होगा खाद्य तेल
इंडोनेशिया की वित्त मंत्री श्री मुलयानी इंद्रावती ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा कि प्रतिबंध का बुरा असर दूसरे देशों पर भी पड़ेगा. लेकिन फिलहाल सरकार, देश के भीतर खाने के तेल की किफायती सप्लाई को प्राथमिकता दे रही है. इंद्रावती के मुताबिक तेल की कीमतें स्थिर करने की तमाम कोशिशें नाकाम होने के बाद ही सरकार को यह कठोर कदम उठाना पड़ा है.
एक्सपोर्ट बैन से पहले इंडोनेशिया सरकार ने पाल ऑयल उत्पादकों से घरेलू इस्तेमाल के लिए स्टॉक रिजर्व रखने को कहा था. इसके बावजूद कीमतें नीचे नहीं आईं. वित्त मंत्री के मुताबिक, "आम परिवारों के लिए खाना पकाने वाला तेल खरीदना अब भी बहुत महंगा है."
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इंद्रावती ने आगे कहा, "अगर हम निर्यात नहीं करेंगे तो निश्चित रूप से इसकी चोट दूसरे देशों पर पड़ेगी."
कितना जरूरी है इंडोनेशिया का पाम ऑयल एक्सपोर्ट?
चीन और भारत, इंडोनेशिया से सबसे ज्यादा पाम ऑयल खरीदते हैं. 2021 में भारत में 90 लाख टन पाम ऑयल की खपत हुई. पूरी दुनिया की पाम ऑयल सप्लाई में इंडोनेशिया की हिस्सेदारी 50 फीसदी से ज्यादा है. इंडोनेशिया का पड़ोसी देश मलेशिया दूसरा बड़ा पाम ऑयल उत्पादक है.
पाम ऑयल का इस्तेमाल खाना पकाने वाले तेल, प्रॉसेस्ड फूड, साबुन, कॉस्मेटिक्स, बायोफ्यूल और अन्य प्रोडक्ट्स में किया जाता है. आमतौर पर अधिकांश खाद्य तेलों में पाम ऑयल मिला रहता है.
इस हफ्ते अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में हुई अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की बैठकों में भी दुनियाभर में खाद्यान्न संकट पर बात हुई. विश्व बैंक के प्रेसीडेंट डेविड मालपास ने दुनियाभर के देशों से खाद्यान्न स्टॉक न करने की अपील की. साथ ही, एक्सपोर्ट बैन से बचने की दरख्वास्त भी की गई.
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अमेरिकी कृषि मंत्रालय के मुताबिक 2022 में 7.7 करोड़ मीट्रिक टन पाम ऑयल के उत्पादन का अनुमान है. लेकिन अब इस अनुमान पर भी आशंकाएं मंडराने लगी हैं. बीते दो साल में कोविड महामारी के कारण प्रवासी मजदूर घर लौट चुके हैं. कामगारों की कमी के कारण भी उत्पादन घटने के आसार हैं.
दुनिया में पाम, सनफ्लावर और रैपसीड ऑयल के साथ ही सोयाबीन का तेल भी खूब इस्तेमाल होता है. सोयाबीन के तेल का सबसे बड़ा उत्पादक दक्षिण अमेरिकी देश अर्जेंटीना है. लेकिन इस साल फसल कम होने की वजह से अर्जेंटीना से होने वाली सप्लाई कम पड़ेगी. 2021 के सूखे के कारण कनाडा में भी कानोला का उत्पादन गिरा है.
ओएसजे/वीएस (एएफपी, रॉयटर्स)