अमेरिका की टिप्पणी पर जयशंकर का पलटवार
१४ अप्रैल २०२२ब्लिंकेन ने 11 अप्रैल को वॉशिंगटन में जयशंकर की मौजूदगी में कहा था कि अमेरिका भारत में मानवाधिकारों के मोर्चे पर कुछ "चिंताजनक घटनाओं" पर नजर बनाए हुए है. उस दिन जयशंकर ने जवाब में कुछ नहीं कहा था, लेकिन 14 अप्रैल को उन्होंने पलटवार करते हुए एक बयान दिया.
जयशंकर ने एक प्रेस वार्ता में बताया, "लोगों को हमारे बारे में राय रखने का अधिकार है. हमें भी उतना ही अधिकार है कि उनकी राय, उसके पीछे के हित और उसे बनाने वाली लॉबियों और वोट बैंक पर अपनी राय रखें. तो इस पर जब भी कभी चर्चा होगी, मैं आपको बता सकता हूं कि हम अपनी पूरी बात रखेंगे."
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अमेरिका में सिखों पर हमला
उन्होंने बताया कि भारत-अमेरिका 2+2 वार्ता के तहत हुई दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों की बैठक में मानवाधिकारों पर चर्चा नहीं हुई.
जयशंकर ने आगे कहा, "हम भी दूसरे देशों में मानवाधिकारों की स्थिति पर राय रखते हैं और इनमें अमेरिका भी शामिल है. जब भी इस देश में मानवाधिकार का कोई मुद्दा सामने आता है, हम उसे उठाते हैं, विशेष रूप से जब वो हमारे समुदाय का हो. बल्कि, कल ही ऐसा एक मामला सामने आया था...हमारा इस विषय पर यही रुख है."
माना जा रहा है कि वो 12 अप्रैल को न्यूयॉर्क में हुई एक कथित नफरती अपराध की बात कर रहे थे, जिसमें सुबह की सैर पर निकले सिख समुदाय के दो व्यक्तियों पर हमला किया गया. उसी जगह पर करीब 10 दिनों पहले एक और सिख व्यक्ति पर हमला किया गया था.
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ब्लिंकेन और अमेरिकी विदेश मंत्रालय इससे पहले भी भारत में मानवाधिकारों की स्थिति को उठा चुके हैं. मानवाधिकारों पर मंत्रालय की 2021 की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में मानवाधिकारों के शोषण की भरोसेमंद रिपोर्ट आई हैं, जिनमें "सरकार या उसके एजेंटों द्वारा न्यायेतर हत्याएं भी शामिल हैं."
ब्लिंकेन खुद 2021 में जब अपनी पहली भारत यात्रा पर आए थे तब उन्होंने कुछ सिविल सोसाइटी संगठनों के सदस्यों के साथ एक मुलाकात में कहा था कि "आज लोकतंत्र और अंतरराष्ट्रीय स्वतंत्रताओं पर दुनिया भर में खतरा बढ़ रहा है और ऐसे समय में यह बहुत जरूरी है कि दुनिया के दो अग्रणी लोकतंत्र (भारत और अमेरिका) इन आदर्शों के समर्थन में एक साथ खड़े रहें."