जापान की पत्रकार ने जीता हाई प्रोफाइल मीटू केस
१८ दिसम्बर २०१९हाथों में बैनर लिए शिओरी इटो ने कोर्ट रुम के बाहर पत्रकारों से कहा, "हम जीत गए. कोर्ट ने जवाबी मानहानि के मुकदमे को खारिज कर दिया."
शिओरी जापान में मीटू आंदोलन के दौरान प्रमुख चेहरा तब बनीं जब उन्होंने जापान के मशहूर रिपोर्टर और टीवी होस्ट रहे नोरीयूकी यामागुची पर बलात्कार का आरोप लगाया. शिओरी ने बलात्कार के बाद पहुंची मनोवैज्ञानिक क्षति के एवज में यामागुची पर 1.1 करोड़ येन करीब 71 लाख रुपये का मुकदमा दर्ज किया था. शियोरी के इस आरोप के बाद कोर्ट ने दोषी यामागुची को 33 लाख येन यानी करीब 21 लाख रूपए 30 साल की पत्रकार शिओरी को मुआवजे के तौर पर देने को कहा है. अपने ऊपर लगे आरोपों को नकारते हुए यामागुची ने बलात्कार पीड़िता शिओरी पर ही 13 करोड़ येन करीब 8.4 करोड़ रुपए का मानहानि का केस दर्ज कराया था. हालांकि कोर्ट ने यामागुची के आरोपों को खारिज कर दिया.
जापान में मीटू आंदोलन की शुरूआत
2017 में जापान जैसे रूढ़िवादी देश में तब सनसनी फैल गई जब पत्रकार शिओरी इटो ने जनता के सामने जापान के मशहूर पत्रकार पर बलात्कार का आरोप लगाया था. इटो देखते ही देखते जापान में मीटू आंदोलन का प्रमुख चेहरा बन गईं. इसके बावजूद बलात्कार और यौन उत्पीड़न के खिलाफ जापान में अभियान दुनिया के बाकि देशों के मुकाबले धीमा ही रहा. जापान की सरकार के आंकड़ो के मुताबिक 2017 में बलात्कार पीड़ित महिलाओं में केवल 4 प्रतिशत ने ही पुलिस में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई.
मामला आखिर था क्या
शिओरी इटो की जापान के मशहूर पत्रकार यामागुची से मुलाकात 2015 में हुई थी. जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ यामागुची के करीबी रिश्ते भी बताए जाते हैं. उस दौरान पीड़िता इटो जापान में रॉयटर समाचार एजेंसी के साथ इंटर्नशिप कर रही थीं. इस मुलाकात के दौरान यामागुची ने इटो को नौकरी तलाशने में मदद करने का भरोसा दिया था.
इटो ने यामागुची पर इसी मुलाकात के दौरान शराब में नशीली दवा डालकर बलात्कार करने का आरोप लगाया था. इटो के मुताबिक वो ड्रिंक पीने के बाद बेहोश हो गई. अपनी आपबीती सुनाते हुए वो कहती है "जब मुझे होश आया, तो मै दर्द में थी, मैं एक होटल में थी और वह मेरे ऊपर था. मुझे पता चल गया था कि मेरे साथ क्या हो गया है, लेकिन मै कुछ भी कर सकने में असमर्थ थी."
शिओरी का आरोप है कि पुलिस के पास जब इस घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई भी गई तो जांच बहुत धीमी गति से आगे बढ़ी. शिओरी को कारण बताए बगैर पुलिस ने यामागुची को गिरफ्तार करने से मना कर दिया. 2017 में इटो ने चुप्पी तोड़ते हुए किताब के जरिए अपनी कहानी लोगों के सामने रखी. किताब का नाम था "ब्लैक बॉक्स."
जापान में कानून बदले गए
उसी साल जापान ने अपने 100 साल पूराने कानून को बदल दिया. बलात्कार के दोषी की सजा तीन साल से पांच साल कर दी गई. पहली बार यौन उत्पीड़न की परिभाषा को बदलते हुए उत्पीड़न के पीड़ितो में पुरुषों को भी शामिल किया गया.
हालांकि यौन उत्पीड़न के इस कानून में कई खामियां हैं जिसमें अभियोजन पक्ष को अभी भी यह साबित करना पड़ता है कि पीड़ित ने बलात्कार के दौरान विरोध किया था.
एसबी/एनआर(एपी, रॉयटर्स)
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