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कश्मीर: गौहर गिलानी की पुलिस को तलाश

२१ फ़रवरी २०२२

कश्मीर में पत्रकार गौहर गिलानी की गिरफ्तारी का वारंट 12 फरवरी को ही जारी हो गया था लेकिन गिलानी अब गायब बताए जा रहे हैं. इस मामले से एक बार फिर कश्मीर में पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं.

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कश्मीर प्रेस क्लब
फाइल तस्वीरतस्वीर: Tauseef Mustafa/AFP

कई मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि गौहर के खिलाफ मूल मुकदमा उनके एक ट्वीट से संबंधित है, जो उन्होंने एक फरवरी को किया था. उसी दिन शोपियां जिले के आम्शिपुरा में कथित आतंकियों ने शबीर अहमद वागे नाम के एक पुलिसकर्मी पर गोलियां चला दी थीं.

वागे जख्मी हो गए थे और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया. इस घटना के बाद शोपियां के मजिस्ट्रेट कोर्ट में गिलानी के खिलाफ एक शिकायत दर्ज की गई कि उन्होंने वागे का इलाज कहां चल रहा रहा था इस विषय में संवेदनशील जानकारी ट्विटर पर जाहिर की और और जनहित के खिलाफ काम किया.

कहां हैं गौहर

इसके बाद उसी मजिस्ट्रेट कोर्ट ने एक नोटिस जारी कर गिलानी को इस मामले में सफाई देने के लिए सात फरवरी को हाजिर होने का आदेश दिया. गिलानी जब पेश नहीं हुए तो मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 12 फरवरी को पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने का और 19 फरवरी तक पेश करने का आदेश दिया.

फहद शाह
कश्मीरी पत्रकार फहद शाह की गिरफ्तारी का एडिटर्स गिल्ड ने विरोध किया थातस्वीर: Dar Yasin/AP/picture alliance

लेकिन गौहर अब गायब हैं और उनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है. पुलिस ने मजिस्ट्रेट कोर्ट को बताया है कि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सका है और वो "फरार" हैं.

गिलानी जाने माने पत्रकार हैं और लेखक हैं. उनके लेख और वीडियो कई मीडिया संगठनों में छपते रहे हैं, जिनमें डीडब्ल्यू भी शामिल है.

कई सालों से निशाने पर

2019 में गिलानी को डीडब्ल्यू द्वारा आयोजित एक प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए जर्मनी जाने से रोक दिया था. उन्हें हवाई अड्डे से ही यह कह कर लौटा दिया गया था कि उन्हें भारत छोड़ कर ना जाने दिए जाने के आदेश है.

गिलानी सोशल मीडिया पर बेबाकी से कई मुद्दों पर अपनी राय रखते हैं. उनके ट्विटर पेज पर उनका जो ट्वीट पिन किया हुआ है वो अगस्त 2019 में कश्मीर का दर्जा बदल दिए जाने की कुछ ही दिनों बाद का है. ट्वीट में कश्मीर में सब कुछ बंद होने, सैकड़ों लोगों को जेल में डाल दिए जाने और मीडिया का मुंह बंद कर दिए जाने पर टिप्पणी है.

गिलानी की गिरफ्तारी के आदेश दिए जाने से कुछ ही दिनों पहले एक और कश्मीरी पत्रकार फहद शाह को कश्मीर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. शाह की गिरफ्तारी का एडिटर्स गिल्ड और दूसरे कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठनों और मानवाधिकार संगठनों ने विरोध किया था.

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