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अपराधमेक्सिको

एसिड हमलों के घावों से लड़तीं मेक्सिको की महिलाएं

२० फ़रवरी २०२३

एसिड हमले दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा देखे जाते हैं लेकिन दुनिया के दूसरे कोनों में भी उनके बारे में पता चला है. मेक्सिको में 2022 में 100 से भी ज्यादा महिलाओं पर नुकसानदेह केमिकलों से हमला किया गया था.

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मेक्सिको सिटी
मेक्सिको सिटी में एसिड हमले की एक सर्वाइवरतस्वीर: DW

मारिया एलेना रियोस के मन में अपने सैक्सोफोन को लेकर परस्पर विरोधी भाव आते हैं. कभी वो उसे उन्हें मौत के कगार पर ले जाने का दोषी मानती थीं लेकिन उसी सैक्सोफोन ने उन्हें बचाया भी है.

29 साल की रियोस को लगता था कि उनके एक संगीतज्ञ होने और अपने सैक्सोफोन के प्रति प्रेम की वजह से उनके पूर्व बॉयफ्रेंड ने उनके ऊपर एसिड फिंकवाया था. उस समय उनका बॉयफ्रेंड एक प्रभावशाली राजनेता था और उसने इस काम के लिए कुछ लोगों को पैसे दिए थे.

रियोस को बाद में पता चला कि वो व्यक्ति इस बात को मानने के लिए तैयार ही नहीं था कि उन्होंने दोनों के रिश्ते तो तोड़ दिया है. वो व्यक्ति और उसके भेजे गए हमलावरों में से कुछ अब जेल में हैं, लेकिन रियोस को अभी भी अपने सैक्सोफोन का सामना करना बाकी था.

दूसरों की मदद

और आज उसी सैक्सोफोन के प्रति उनका प्यार उस भयानक हमले के मनोवैज्ञानिक घावों को भरने में मदद कर रहा है. "हमारा फिर से मेल हो रहा है, धीरे धीरे. मैं उससे नफरत करती थी, क्योंकि मुझे लगता था कि वो (हमले के लिए) जिम्मेदार था."

कोलकाता
कोलकाता में मनीषा और पारोमिता एसिड हमलों के खिलाफ लड़ रही हैंतस्वीर: Payel Samanta/DW

रियोस पर हमला मेक्सिको के दक्षिणी राज्य ओकाका में 2019 में हुआ था. अब तो वो इतनी संभल चुकी हैं कि उन्होंने लाइव प्रदर्शन भी किया है लेकिन वो अभी भी अपने चेहरे के निचले हिस्से को छिपाने के लिए एक मास्क पहनती हैं.

वो कहती हैं, "मेरे हमलावर को इस बात से बहुत परेशानी थी कि मैं एक संगीतज्ञ थी, क्योंकि वो कहता था कि हम संगीतकार आवारा थे, गरीब थे, ड्रग्स लेते थे और जब मैं कॉन्सर्टों में जाती थी तो वहां मैं सामूहिक भोग विलास में शामिल होती थी."

हमले का आदेश देने वाला पूर्व राजनेता जेल में है. हमले में शामिल दो और लोग जेल में हैं लेकिन एक व्यक्ति अभी भी जेल से बाहर है. इस बीच रियोस एक ऐसी पहल के साथ जुड़ गई हैं जिसके तहत एसिड हमलों के लिए ज्यादा बड़ी सजा की मांग की जा रही है. वो कहती हैं कि उन पीड़ितों की तरफ से इस लड़ाई में उनका सैक्सोफोन ही उनकी तलवार है.

मेक्सिको सिटी के जन प्रतिनिधियों ने एक विधेयक का प्रस्ताव रखा है जिसके तहत एसिड हमलों को फेमिसाइड की कोशिश के बराबर एक अलग, गंभीर जुर्म का दर्जा दिया जाएगा. इस नए विधेयक का नाम रियोस के घर के नाम पर 'मलेना' रखा है. मौजूदा कानून में एसिड हमलों को आम हमला या शरीर पर चोट का दर्जा दिया जाता है.

सिर्फ एशिया तक सीमित नहीं

एसिड हमले दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा देखे जाते हैं लेकिन दुनिया के दूसरे कोनों में भी उनके बारे में पता चला है, जिनमें लैटिन अमेरिका भी शामिल है.

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मेक्सिको में इस समस्या को रेखांकित करने के लिए 2021 में शुरू किए गए कार्मेन सांचेज फाउंडेशन के मुताबिक 2022 के सरकारी आंकड़े दिखाते हैं कि उस साल 100 से भी ज्यादा महिलाओं पर किसी न किसी तरह के नुकसानदेह केमिकलों से हमला किया गया था.

शिकायत सिर्फ 28 मामलों में की गई थी. रियोस को हमले के बाद पांच महीने अस्पताल में बिताने पड़े थे और उन्हें देख कर उनके माता-पिता की आंखों में जो दुख उतर आया था उन्हें वो आज भी याद है.

हमले के बाद से वो मेक्सिको सिटी में रहती हैं और संगीत की शिक्षा लेती हैं. केंद्र सरकार ने उनके लिए अंगरक्षक नियुक्त किए हैं क्योंकि उनका हमलावार हुआन मानुएल वेरा कारिजाल अमीर और प्रभावशाली था. रियोस कहती हैं कि उन्हें और उनके परिवार को आज भी उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है और उन्हें निरंतर अपनी जान की परवाह लगी रहती है.

हुआन मानुएल ने खुद को निर्दोष बताया है और उसके वकीलों ने कहा है कि वो इस हमले में शामिल नहीं थे. उसे जेल भी हुई और फिर उसकी पार्टी ने उन्हें निकाल भी दिया, लेकिन रियोस कहती हैं कि वो आज भी प्रभावशाली है.

रियोस ने अब संगीत में शरण ले ली है. वो कहती हैं, "मैं जब अपने सैक्सोफोन को अस्सेम्ब्ल करना शुरू करती हूं तब मुझे ऐसा लगता है कि मैं खुद ही को फिर से सहेज रही हूं."  पिछले साल हमले के बाद पहली बार उन्हें स्टेज पर प्रदर्शन करने का निमंत्रण मिला. वो कहती हैं वहां प्रदर्शन कर उन्हें "जीवंत" अहसास हुआ.

सीके/एए (एपी)