विस्कॉन्सिन में प्रदर्शनकारियों और पुलिस की झड़प
२५ अगस्त २०२०अमेरिकी राज्य विस्कॉन्सिन के केनोशा शहर में प्रदर्शनकारी कर्फ्यू तोड़ कर अश्वेत नागरिक को गोली मारे जाने का विरोध कर रहे हैं. जेकब ब्लेक नाम के अश्वेत व्यक्ति को सात बार गोली मारी गई लेकिन अस्पताल में भर्ती कराने के बाद उनकी जान बच गई है. केनोशा में सोमवार को प्रदर्शनकारियों को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. यह प्रदर्शनकारी पुलिस द्वारा अफ्रीकन-अमेरिकी नागरिक को गोली मारने का विरोध कर रहे थे.
इस घटना से भड़के लोगों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की, कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बल पर बोतलें फेंकी. केनोशा शहर में लगातार दूसरे दिन ब्लेक को गोली मारे जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ. प्रदर्शनकारियों ने "न्याय नहीं तो शांति नहीं" के नारे लगाए. इसके अलावा उन्होंने "उसका नाम पुकारो-जेकब ब्लेक" के भी नारे लगाए. सोमवार को न्यूयॉर्क शहर में भी प्रदर्शनकारियों ने ब्लेक को गोली मारे जाने के विरोध में रैली निकाली. न्यूयॉर्क में एक प्रदर्शनकारी महिला ने कहा, "मैं गुस्से में हूं, मैं निराश हूं, मैं बहुत थक गई हूं." महिला जब यह कह रही थी, तब उसकी आंखों में आंसू थे और उसने अपना नाम सिर्फ एवल बताया.
7 बार गोली मारी
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें 29 साल के जेकब ब्लेक एसयूवी की ड्राइवर सीट की तरफ बढ़ते दिख रहे हैं. उनके पीछे पुलिस के दो अफसर अपनी बंदूक हाथों में लिए चल रहे हैं. जैसे ही ब्लेक गाड़ी के अंदर बैठने जाते हैं, एक अफसर ब्लेक की शर्ट पकड़कर खींच लेता है और उसके बाद गोली चलाने की आवाज आती है. वीडियो में सात बार गोली चलने की आवाज सुनाई पड़ती है. यह अब तक साफ नहीं हो पाया है कि अधिकारियों ने ब्लेक के खिलाफ घातक बल का प्रयोग क्यों किया. हालांकि अभी यह भी साफ नहीं हो सका है कि ब्लेक को एक पुलिसकर्मी ने गोली मारी या फिर दोनों ने ही गोलियां चलाई हैं.
फायरिंग के वक्त ब्लेक के बच्चे वहीं मौजूद थे. गोली लगने के बाद ब्लेक को अस्पताल ले जाया गया और उनकी जान बच गई. उनके पिता ने एनबीसी न्यूज से कहा कि ब्लेक का ऑपरेशन हो गया है और उनकी हालत स्थिर पर है. विस्कॉन्सिन पुलिस ने केनोशा शहर में कर्फ्यू लगा दिया है. ब्लेक को गोली मारे जाने को लेकर लोगों में गुस्सा है और वे पुलिस कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. पुलिस ने सोमवार को प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल किया. इससे एक रात पहले प्रदर्शनकारियों ने कुछ कारों में आग लगा दी और कारों की खिड़कियां तोड़ दी थी.
विस्कॉन्सिन के गवर्नर टोनी इवर्स ने हालात को काबू में लाने के लिए नेशनल गार्ड्स के 125 सदस्यों की तैनाती की है. दूसरी ओर वीडियो बनाने वाले 22 वर्षीय रेसीन व्हाइट ने कहा कि उन्होंने ब्लेक और तीन पुलिसकर्मियों को भिड़ते हुए देखा. व्हाइट के मुताबिक गोली चलने के पहले पुलिसवाले चिल्ला रहे थे, "चाकू छोड़ो, चाकू छोड़ो". व्हाइट का कहना है कि उन्होंने ब्लेक के हाथ में चाकू नहीं देखा.
गवर्नर का कहना है कि उन्हें ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि ब्लेक के हाथ में चाकू या अन्य हथियार था. उनके मुताबिक मामले की जांच जारी है. फायरिंग में शामिल पुलिसकर्मियों को प्रशासनिक छुट्टी पर भेज दिया गया है. प्रशासन ने उन पुलिसवालों के बारे में कोई भी जानकारी नहीं जारी किया है. गवर्नर इवर्स ने इस घटना की तीखी निंदा की है. उन्होंने कहा कि उन्हें मामले की पूरी जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा, "एक बात तो हम निश्चित तौर पर जानते हैं कि हमारे राज्य या हमारे देश में कानून का पालन कराने वाले व्यक्तियों द्वारा वे पहले अश्वेत नागरिक नहीं थे, जिन्हें गोली मारी गई या घायल किया गया या बेरहमी से मारा गया हो."
डेमोक्रैटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मदीवार जो बाइडेन ने कहा है कि पुलिसकर्मियों की जवाबदेही तय होनी चाहिए. करीब दो महीने पहले अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस के हाथों मौत के बाद दुनियाभर में विरोध प्रदर्शन हुए और लोगों ने नस्लीय अन्याय का मुद्दा उठाया. अमेरिका ही नहीं यूरोप तक में ब्लैक लाइव्स मैटर को लेकर आंदोलन हुए.
एए/आईबी (एएफपी, एपी)
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