क्या विकल्प हैं राहुल गांधी के सामने
२० अप्रैल २०२३कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अपील को ठुकराते हुए सूरत की सेशंस अदालत ने कहा कि वो ऐसी कोई "असाधारण परिस्थितियां" नहीं दिखा पाए हैं जिनकी वजह से उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाई जाए.
अदालत ने कहा कि कि गांधी सांसद और देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के अध्यक्ष रहे हैं और इस लिहाज से उन्हें अपने शब्दों को लेकर ज्यादा सावधान रहना चाहिए था.
'अपरिवर्तनीय' नुकसान नहीं
अदालत ने यह भी कहा कि 'मोदी' उपनाम वाले सभी लोगों की चोरों से तुलना करने से शिकायतकर्ता को बेशक मानसिक पीड़ा हुई होगी और उनकी साख को नुकसान पहुंचा होगा. इस मामले में शिकायतकर्ता हैं गुजरात में बीजेपी के विधायक पुर्नेश मोदी.
अदालत के मुताबिक गांधी यह साबित नहीं कर पाए कि उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने और चुनाव लड़ पाने का मौका ना दिए जाने की वजह से उन्हें अपरिवर्तनीय नुकसान होगा. अदालत ने कहा कि संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया जाना अपरिवर्तनीय नुकसान नहीं है.
मामला लोकसभा चुनावों के दौरान 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में गांधी द्वारा दिए गए एक भाषण से संबंधित है. उन्होंने भाषण में कहा था, "चाहे नीरव मोदी हों, ललित मोदी या नरेंद्र मोदी, सभी चोरों का उपनाम 'मोदी' ही क्यों होता है?"
इसके बाद पुर्नेश मोदी ने सूरत के चीफ जुडिशल मजिस्ट्रेट की अदालत में गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा कर दिया था. उनका आरोप था कि गांधी ने मोदी उपनाम वाले 13 करोड़ लोगों की भावनानों को ठेस पहुंचाई है.
हाई कोर्ट में अपील
इसी अदालत ने 23 मार्च को गांधी को दोषी पाया था और दोषसिद्धि के आधे घंटे के अंदर उन्हें दो साल जेल की सजा भी सुना दी थी. साथ ही सजा को एक महीने के लिए स्थगित कर दिया था ताकि गांधी इस अवधि में अपील कर सकें.
हालांकि उनकी दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगी थी, जिसकी वजह से लोकसभा ने गांधी को सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया. उनके पास अभी भी अपनी सदस्यता फिर से हासिल करने का मौका है.
अब उन्हें अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगवाने के लिए सेशंस अदालत से ऊपर की अदालत, यानी गुजरात हाई कोर्ट में अपील करनी होगी. कांग्रेस पार्टी के संचार प्रमुख जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा है कि पार्टी सभी विकल्पों की सहायता लेगी.
पार्टी ने अभी यह नहीं बताया है कि गुजरात हाई कोर्ट में अपील कब दायर की जाएगी. अभी तक चुनाव आयोग ने गांधी के पूर्व निर्वाचन क्षेत्र वायनाड को रिक्त घोषित भी नहीं किया है.