20 लाख साल पुराना डीएनए मिला
८ दिसम्बर २०२२ग्रीनलैंड में वैज्ञानिकों को यह डीएनए हिमयुग की एक तलछट से मिला है. नेचर जर्नल में इस बारे में छपी रिपोर्ट के सह-लेखक मिक्केल विंथर पेडर्सन का कहना है, "हम बाधाओं को तोड़ कर आनुवांशिकी के अध्ययन में वहां पहुंच रहे हैं जिसके बारे में हमने सोचा था." समाचार एजेंसी एएफपी से बातचीत में उन्होंने कहा, "लंबे समय से यही समझा जा रहा था कि डीएनए के अस्तित्व के लिए 10 लाख साल की ही सीमा है लेकिन अब हमने उससे दोगुना ज्यादा पुराना डीएनए खोज निकाला है."
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20 लाख साल पुराना डीएनए
कोपेनहेगेन यूनिवर्सिटी के लेक्चरर पेडर्सन ने बताया कि ग्रीनलैंड के सुदूर उत्तरी हिस्से काप कोपेनहेगेन से यह डीएनए हासिल हुआ है. पेडर्सन का कहना है कि टुकड़े, "ऐसे वातावरण से आये हैं जो आज हम पृथ्वी पर कहीं और नहीं दिखते." सुदूर वीराने में जमा डीएनए पूरी तरह सुरक्षित है.
नई तकनीक के दम पर वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया है कि अब तक साइबेरियाई मैमथ का डीएनए सबसे पुराना था लेकिन उन्हें मिले 41 नये टुकड़े उससे भी करीब 10 लाख साल से ज्यादा पुराने हैं. सबसे पहले तो उन्हें यह पता गाना था कि मिट्टी और पत्थरों में डीएनए छिपा है और फिर उसके बाद यह कि क्या उसे तलछट से निकाला जा सकता है ताकि उसका परीक्षण किया जा सके.
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कोपेनहेगेन यूनिवर्सिटी में जियोबायोलॉजी टीम की प्रमुख करीना सैंड भी रिसर्चरों की टीम में शामिल थी. उन्होंने बताया कि इसके लिए जो तरीका इस्तेमाल हुआ वह, "यह बुनियादी समझ मुहैया कराता है कि खनिजों या तलछटों में डीएनए क्यों सुरक्षित रह सकते हैं. ये तो भानुमती का पिटारा है जो बस खुलने वाला है."
विंथर पेडर्सन ने बताया कि वातावरण में बहने वाली नदियां खनिजों और कार्बनिक पदार्थों को समुद्री वातावरण में ले जाती हैं और यहीं इस तरह के इलाकाई तलछट जमा हो गये." इसके बाद करीब 20 लाख साल पहले, "पानी के नीचे की जमीन ऊपर उठ गई और उत्तरी ग्रीनलैंड का हिस्सा बनी."
लाखों साल पुराने वातावरण की तस्वीर
आज काप कोपेनहेगेन एक आर्कटिक डेजर्ट है जहां अलग अलग तरह के तलछट जमा हैं इनमें पौधे और कीटों के जीवाश्म भी हैं जो बहुत अच्छी स्थिति में हैं और उनकी पहले ही खोज हो चुकी है. हालांकि वैज्ञानिकों ने जीवाश्मों के डीएनएन के बारे में जानने की कोशिश नहीं की, उस समय में जानवरों की मौजूदगी के बारे में फिलहाल बहुत कम जानकारी है.
रिसर्च टीम ने 2006 में इस पर काम शुरू किया और वो एक तस्वीर बनाने में सफल हुए हैं कि यह इलाका 20 लाख साल पहले कैसा दिखता होगा. पेडर्सन बताते हैं, "हमारे पास जंगल का वातावरण था जिसमें मैस्टेडोन, रेंडियर और खरगोश बहुत सारे पौधों की प्रजातियों के साथ यहां रहते थे." उन्होंने बताया कि उन्हें 102 तरह के पौधों के बारे में पता चला है.
मैस्टेडोन यानी प्राचीन हाथी की एक प्रजाति का पता चलना खासतौर से अहम है क्योंकि ये हाथी सुदूर उत्तर में इससे पहले कभी नहीं पाये गये. इस खोज से रिसर्चरों को प्रजातियों के अनुकूलन के बारे में भी और जानकारी मिली है.
इस तरह के वातावरण और उसमें पलने वाली प्रजातियों का यह समूह पृथ्वी पर आज कहीं भी नहीं है.
एनआर/एए (एएफपी)