अफगानिस्तान को 30 साल पीछे ले कर जा रहा है तालिबान
बीते कुछ दिनों में तालिबान ने अफगानिस्तान में ऐसे आदेश जारी किए हैं जिनसे देश 30 साल पीछे की तरफ लौटने लगा है. तालिबान सत्ता हासिल करते समय किए गए अपने वादों से मुकर रहा है.
लड़कियां नहीं जा सकती स्कूल
छठी कक्षा से ऊपर की लड़कियों के स्कूल जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. शुरू में तालिबान ने वादा किया था कि लड़कियां स्कूल जाती रहेंगी लेकिन अब वो अपने वादे से पीछे हट गया है.
पुरुष का साथ जरूरी
महिलाओं के बिना किसी पुरुष रिश्तेदार (महरम) को साथ लिए हवाई जहाज में यात्रा करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. महिलाओं के सड़क मार्ग से बिना किसी पुरुष रिश्तेदार को साथ लिए एक शहर से दूसरे शहर जाने पर पहले से प्रतिबंध था.
पार्कों में भी अलग अलग
पुरुषों और महिलाओं को एक साथ ही सार्वजनिक पार्कों में जाने की अनुमति नहीं है. दोनों अलग अलग दिन ही पार्कों में जा सकते हैं.
टेलीफोन भी वर्जित
विश्वविद्यालयों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल को वर्जित कर दिया गया है.
मीडिया पर प्रतिबंध
अंतरराष्ट्रीय मीडिया प्रसारण पर रोक लगा दी गई है. इसमें बीबीसी की पश्तो और फारसी भाषाएं भी शामिल हैं. इसके अलावा विदेशी टीवी कार्यक्रमों पर भी रोक लगा दी गई है.
पगड़ी और दाढ़ी के सख्त नियम
तालिबान के नैतिकता मंत्रालय के सदस्य पारंपरिक पगड़ी नहीं पहनने वाले और दाढ़ी नहीं रखने वाले सरकारी अधिकारियों को घर वापस भेज रहे हैं. ऐसे अधिकारियों का कहना है कि उन्हें पता नहीं है कि वो काम पर वापस लौट भी पाएंगे या नहीं.
हैबतुल्लाह अखुंदजादा का आदेश
माना जा रहा है कि ये सब फैसले हाल ही में कंधार में हुई तालिबान की एक तीन दिवसीय बैठक में लिए गए. बताया जा रहा है कि कंधार में रहने वाले तालिबान के सर्वोच्च नेता हैबतुल्लाह अखुंदजादा ने इन नए नियमों के पालन का आदेश दिया. (एपी से जानकारी के साथ)