रूस की हार असंभव, लेकिन युद्ध रुक सकता हैः पुतिन
९ फ़रवरी २०२४रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी पत्रकार टकर कार्लसन को इंटरव्यू दिया है. इसमें उन्होंने यूक्रेन युद्ध, रूस में कैद अमेरिकी पत्रकार और नाटो के विस्तार जैसे मुद्दों पर कई संकेत दिए. वहीं तमाम लोग इसे 'एकतरफा इंटरव्यू' बता रहे हैं, क्योंकि ज्यादातर वक्त पुतिन ही बोलते रहे और कार्लसन ने पूरक सवाल नहीं किए.
पुतिन ने इस ओर भी संकेत दिया कि अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल के जो पत्रकार इवान गर्शकोविच रूस में कैद हैं, उनकी रिहाई को लेकर कोई समझौता किया जा सकता है.
यूक्रेन से जुड़े सवालों पर पुतिन ने कहा, "अभी तक युद्ध के मैदान में रूस को रणनीतिक रूप से हारा करार देने को लेकर हंगामा और चीख-पुकार मची हुई है, लेकिन अब जाहिर तौर पर उन्हें एहसास हो रहा है कि अगर यह मुमकिन है भी, तो इसे हासिल करना बहुत मुश्किल है. मेरे ख्याल से तो यह अपने मूल में ही असंभव है."
क्रेमलिन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि पुतिन कार्लसन के साथ इंटरव्यू के लिए इसलिए राजी हुए, क्योंकियूक्रेन युद्ध पर पश्चिमी मीडिया संस्थान जिस तरह 'एकतरफा' रिपोर्टिंग कर रहे हैं, कार्लसन का दृष्टिकोण उससे अलग है.
इंटरव्यू के ज्यादातर हिस्से में कार्लसन ने पुतिन के दावों को कोई चुनौती नहीं दी, बल्कि कुछ लतीफों में उनके साथ शरीक दिखे. कार्लसन पर कॉन्सिपिरेसी थ्योरी फैलाने के आरोप लगते रहते हैं. इससे पहले वह अमेरिका के रूढ़िवादी न्यूज चैनल फॉक्स न्यूज में एंकर थे, लेकिन पिछले साल कंपनी ने बिना कोई वजह बताए उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था.
व्हाइट हाउस में नेशनल सिक्योरिटी के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने इंटरव्यू को इंटरनेट पर पोस्ट किए जाने से पहले ही इसका प्रभाव कम करने वाला बयान दिया था. उन्होंने कहा, "याद रखिए, आप व्लादिमीर पुतिन को सुन रहे हैं. वह जो भी कहें, आपको उनकी हर बात सच नहीं मान लेनी चाहिए."
'पोलैंड और लातविया में दिलचस्पी नहीं'
फरवरी 2022 में रूस के यूक्रेन पर हमला करने के बाद से यह किसी अमेरिकी पत्रकार को दिया पुतिन का पहला इंटरव्यू है. दो घंटे चले इंटरव्यू के एक हिस्से में पुतिन रूसी भाषा में बोल रहे हैं, जिसे बाद में अंग्रेजी में डब किया गया है. इसमें वह रूस के हमला करने के पीछे यूक्रेन को दोषी ठहरा रहे हैं.
उन्होंने जोर देकर कहा कि अप्रैल 2022 में दोनों देश इस्तांबुल वार्ता में युद्ध खत्म करने के समझौते पर सहमत होने के कगार पर थे. पुतिन का दावा है कि रूसी सैनिकों के कीव से निकलने के बाद यूक्रेन पीछे हट गया. पुतिन ने कहा, "देर-सबेर इसका नतीजा एक समझौते रूप में ही निकलेगा."
कार्लसन ने पुतिन से पूछा कि क्या रूस नाटो के सदस्य देश पोलैंड में सेना भेजने पर विचार करेगा. इस पर पुतिन ने जवाब दिया, "सिर्फ एक सूरत में, अगर पोलैंड रूस पर हमला करता है तो. क्यों? क्योंकि हमारी पोलैंड, लातविया या कहीं और भी कोई दिलचस्पी नहीं है. हम ऐसा क्यों करेंगे? हमारी कोई दिलचस्पी ही नहीं है."
"हथियार भेजना बंद करे अमेरिका"
अमेरिकी संसद में इस मुद्दे पर लंबे वक्त से बहस होती आ रही है कि युद्ध लड़ रहे यूक्रेन को और पैसे दिए जाने चाहिए या नहीं. हालांकि, यह तय नहीं है कि क्या रिपब्लिकन-प्रभुत्व वाली प्रतिनिधि सभा यूक्रेन के लिए पैसों को मंजूरी देगी. खासकर तब, जब पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के करीबियों ने पूर्व में यूक्रेन सहायता के खिलाफ वोट डाला था.
पुतिन ने कहा है कि अमेरिका को घरेलू मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए, जो ज्यादा गंभीर हैं. उन्होंने कहा, "मैं आपको हमारी राय बताता हूं और हम अमेरिकी नेतृत्व से क्या कह रहे हैं. अगर आप वाकई लड़ाई रोकना चाहते हैं, तो आपको हथियारों की आपूर्ति बंद करनी होगी. क्या रूस से बातचीत करना बेहतर नहीं होगा? एक समझौता करें. आज वहां पैदा हो रहे हालात देखते हुए, यह महसूस करते हुए कि रूस अपने हितों के लिए अंत तक लड़ेगा."
वहीं अमेरिकी सरकार कहती आ रही है कि रूसी अधिकारियों के साथ बातचीत में कब शामिल होना है, इसका फैसला यूक्रेन को करना है.
गर्शकोविच की रिहाई का रास्ता खुलेगा?
पुतिन बिना किसी सुबूत के गर्शकोविच को अमेरिकी जासूस कहते रहे. उन्होंने संकेत दिया कि गर्शकोविच की रिहाई पर रूसी और अमेरिकी विभागों के बीच चर्चा में प्रगति हो रही है.
गर्शकोविच मार्च 2023 से जासूसी के आरोप में जेल में बंद हैं और मुकदमे का इंतजार कर रहे हैं. ऐसे संकेत दिए गए कि रूस पत्रकार गर्शकोविच की रिहाई के बदले चाहता है कि जर्मनी वादिम क्रासिकोव को रिहा करे. क्रासिकोव को 2019 में बर्लिन में एक चेचन नागरिक की हत्या का दोषी करार दिया गया था. हालांकि, बातचीत में कहीं भी क्रासिकोव का नाम नहीं लिया गया.
वहीं वॉल स्ट्रीट जर्नल ने बयान दिया है, "गर्शकोविच पत्रकार हैं और पत्रकारिता अपराध नहीं है. गर्शकोविच को अगर इससे उलट किसी भी तरीके से प्रस्तुत किया जाता है, तो वह पूरी तरह मनगढ़ंत है. हम इवान को घर लाने वाले समझौते के लिए रूस की इच्छा देखकर प्रोत्साहित हुए हैं. हमें उम्मीद है कि उनकी जल्द रिहाई होगी."
बाइडेन से मिलेंगे शॉल्त्स
जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्त्स अमेरिका दौरे पर हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ उनकी बातचीत के केंद्र में यूक्रेन के रहने की संभावना है. विशेषज्ञ बता रहे हैं कि शॉल्त्स यह सुनिश्चित करने अमेरिका गए हैं कि युद्ध लड़ रहे यूक्रेन को आर्थिक और सैन्य मदद मिलती रहे.
वहीं अमेरिकी के घरेलू राजनीति में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा चुनकर आने की सुगबुगाहट है. ऐसे में अमेरिका यूक्रेन की मदद जारी रखे या ना रखे, इस पर संशय गहरा गया है.
हालांकि, शॉल्त्स कह रहे हैं कि अगर अमेरिकी कांग्रेस ने यूक्रेन की मदद नहीं की, तो रूस से लड़ने की यूक्रेन की क्षमता को गहरी चोट पहुंचेगी. उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर रूस जीत गया, तो यूरोप की सूरत नाटकीय रूप से बदल जाएगी.
वीएस/एनआर (एपी, डीपीए, रॉयटर्स, एएफपी)