लोकसभा चुनाव के पहले चरण में क्या कुछ दांव पर
१८ अप्रैल २०२४आम चुनाव के पहले चरण में देश के 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 102 लोकसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे. 2019 के लोकसभा चुनावों में इनमें भारतीय जनता पार्टी ने 40, डीएमके ने 24, कांग्रेस ने 15 सीटें और अन्य ने 23 सीटें जीती थीं.
कुल सात चरणों में कराए जा रहे इन चुनावों में लोकसभा की 543 सीटों के साथ-साथ अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, ओडिशा और आंध्र प्रदेश विधानसभाओं के चुनाव कराए जा रहे हैं. सिक्किम विधानसभा की सभी 32 सीटों के लिए शुक्रवार को मतदान होगा.
पहले चरण में बाकी छह चरणों के मुकाबले सबसे ज्यादा सीटों पर मतदान होगा. इस चरण में तमिलनाडु की सभी 39, राजस्थान की 12, उत्तर प्रदेश की आठ, मध्य प्रदेश की छह, महाराष्ट्र की पांच, बिहार की चार, उत्तराखंड की सभी पांचों सीटों, असम की चार, पश्चिम बंगाल की तीन, अरुणाचल, मणिपुर और मेघालय की दो-दो, छत्तीसगढ़, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, अंडमान एंड निकोबार, जम्मू-कश्मीर, लक्षद्वीप और पुड्डुचेरी की एक-एक लोकसभा सीट पर वोट पड़ेगा.
प्रचार, रोड शो और रैलियां
पहले चरण के प्रचार के लिए सभी पार्टियों ने अपना जोर दिखाया. बीजेपी का नेतृत्व करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 36 रैलियां और सात रोड शो किए. वहीं कांग्रेस की ओर से पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने मैदान संभाला. क्षेत्रीय दलों ने अपने प्रचार के दौरान केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग, महंगाई, बेरोजगारी समेत अन्य मुद्दों को उठाया.
पहले चरण के चुनाव प्रचार में बीजेपी और खासकर प्रधानमंत्री मोदी ने भ्रष्टाचार, परिवारवाद की राजनीति और हिंदू धर्म का अपमान करने को लेकर इंडिया गठबंधन पर तीखा प्रहार किया. मोदी ने एक रैली में कहा, "जो लोग सनातन धर्म को गाली देते हैं, वो कान खोलकर सुन लें कि भारत का संविधान बनाने वाली संविधान सभा में भी 80-90 प्रतिशत लोग सनातनी थे और उन सनातनियों ने इतना उत्तम संविधान बनाने में बाबा साहेब अंबेडकर का साथ दिया है."
मोदी की गारंटी बनाम कांग्रेस का न्याय पत्र
प्रधानमंत्री अपनी रैलियों में मोदी की गारंटी का भी खूब इस्तेमाल कर रहे हैं. बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र को मोदी की गारंटी नाम दिया है. मोदी की गारंटी में कहा गया है, "गरीबों के लिए 3 करोड़ पक्के घर बनाए जाएंगे, गरीबों को अगले 5 साल तक मुफ्त राशन मिलेगा, 70 वर्ष की आयु से ऊपर के हर बुजुर्ग को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा."
बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में एक एक राष्ट्र, एक चुनाव और समान नागरिक संहिता को लागू करने का वादा किया है. हालांकि विपक्ष के पास बीजेपी पर हमले करने के लिए भी बहुत से मुद्दे हैं जिनमें चुनावी बॉन्ड, ईडी-सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग, महंगाई, बेरोजगारी, आर्थिक असमानता आदि शामिल हैं.
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र को "न्याय पत्र" नाम दिया है. कांग्रेस के न्याय पत्र में युवाओं को अप्रेंटिस का अधिकार, एमएसपी की गारंटी, एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर 50 प्रतिशत सीमा बढ़ाने के लिए संवैधानिक संशोधन, अग्निपथ योजना को खत्म करना, 30 लाख सरकारी पदों को भरना, गरीब परिवार में एक महिला को सालाना एक लाख रुपये देने जैसे वादे शामिल हैं.
हाल ही सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द करते हुए उसे असंवैधानिक करार दिया था. तभी से विपक्षी दल इस योजना को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर है.
चुनावी बॉन्ड को लेकर कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने एक रैली में कहा था, "प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि इलेक्टोरल बॉन्ड पारदर्शी स्कीम है, लेकिन, चंदा किसने-किसको दिया, ये बात छिपा दी. फिर जब सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड को रद्द कर डेटा सार्वजनिक करने को कहा तो पता चला कि अगर किसी कंपनी को ठेका मिला तो उसने कुछ दिन बाद ही बीजेपी को करोड़ों का चंदा दिया. यदि किसी कंपनी पर जांच एजेंसी कार्रवाई करती है, तो वही कंपनी बीजेपी को चंदा देती है और जांच बंद हो जाती है."
राहुल गांधी ने यह भी कहा, "सड़कों पर इसे 'वसूली' और 'हफ्ताबाजी' कहा जाता है, जो छोटे-मोटे गुंडे करते हैं. इसलिए इलेक्टोरल बॉन्ड दुनिया का सबसे बड़ा 'वसूली रैकेट' है."
पहले चरण में बड़े-बड़े नेता मैदान में
पहले चरण के मतदान में आठ केंद्रीय मंत्रियों, दो पूर्व मुख्यमंत्रियों और एक पूर्व राज्यपाल का चुनावी भविष्य इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में बंद हो जाएगा. इनमें सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी नागपुर लोकसभा क्षेत्र से तीसरी बार मैदान में हैं. केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू अरुणाचल पश्चिम सीट पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस उम्मीदवार नबाम तुकी के सामने हैं.
केंद्रीय जहाजरानी जल मार्ग और बंदरगाह मंत्री सर्बानंद सोनोवाल असम में डिब्रूगढ़ और केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान यूपी के मुजफ्फरनगर से चुनावी मैदान में हैं. पहले चरण में प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह के चुनावी भविष्य का फैसला उधमपुर सीट पर होने जा रहा है और उनके सहयोगी भूपेन्द्र यादव राजस्थान की अलवर सीट से किस्मत आजमा रहे हैं.
राजस्थान की ही बीकानेर सीट पर कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का मुकाबला कांग्रेस के उम्मीदवार और पूर्व मंत्री गोविंद राम मेघवाल से है. हाल तक तेलंगाना की राज्यपाल रहीं तमिलिसाई सुंदरराजन बीजेपी के टिकट पर चेन्नई दक्षिण सीट पर चुनाव लड़ रही है.
पहले चरण के अन्य प्रमुख प्रत्याशियों में पूर्व मंत्री और डीएमके सांसद ए राजा का भाग्य नीलगिरि सीट के मतदाताओं के फैसले से तय होगा. शिवगंगा सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम दोबारा जीत हासिल करने के लिए कोशिश में हैं.