क्या है दिल्ली का आबकारी 'घोटाला'
आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार जब नई आबकारी नीति लेकर आई थी, तब किसी ने यह नहीं सोचा होगा कि इसकी वजह से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ही जेल हो जाएगी. एक नजर इस नीति पर और इसमें कथित अनियमितताओं के आरोपों पर.
2021 में आई नीति
दिल्ली की नई आबकारी नीति 'आप' सरकार ने 2021 में लागू की थी. इसके तहत दिल्ली सरकार को शराब की बिक्री के व्यापार से पूरी तरह बाहर निकालने की योजना बनाई गई थी. आम आदमी पार्टी के मुताबिक इस नीति का मकसद सरकार का राजस्व बढ़ाने के अलावा शराब की काला बाजारी खत्म करना, विक्रेताओं के लिए लाइसेंस के नियमों को लचीला बनाना और उपभोक्ताओं के अनुभवों को बेहतर बनाना था.
घर पर डिलीवरी
नई नीति के तहत शराब की दुकानें सुबह तीन बजे तक खुली रखने और शराब की घर पर डिलीवरी करवाने जैसे नियम भी प्रस्तावित थे. साथ ही शराब विक्रेताओं को दामों में छूट देने की इजाजत भी दी गई थी.
बढ़ी सरकार की कमाई
कुछ महीनों तक उपभोक्ताओं को शराब के दामों में भारी छूट भी मिली. नतीजतन शराब दुकानों के बाहर लंबी कतारें देखी गईं. एक रिपोर्ट के अनुसार इससे दिल्ली सरकार के रेवन्यू में 27 फीसदी की वृद्धि हुई और राज्य ने लगभग 8,900 करोड़ रुपए कमाए.
जांच के आदेश
लेकिन नीति लागू होने से पहले ही दिल्ली के शराब बाजार में जो उथल पुथल शुरू हुई वो कई महीनों तक चलती रही. लगभग आधी दुकानें बंद हो गईं. अप्रैल 2022 में जब दिल्ली में नए मुख्य सचिव नरेश कुमार की नियुक्ति हुई तो उन्होंने नई नीति में जांच के आदेश दिए.
अनियमितताओं के आरोप
जुलाई 2022 में मुख्य सचिव ने उप राज्यपाल वीके सक्सेना को एक रिपोर्ट पेश की जिसमें उन्होंने नीति में अनियमितताओं का दावा किया. इस रिपोर्ट में आरोप लगाए गए कि बतौर आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया ने शराब विक्रेताओं को लाइसेंस देने के बदले कमीशन और रिश्वत ली.
कमीशन और रिश्वत
नरेश कुमार ने रिपोर्ट में यह भी कहा कि लाइसेंस फीस और शराब की कीमतों में नियमों को ताक पर रखकर छूट दी गई, जिससे सरकार को करीब 144 करोड़ रुपयों का नुकसान हुआ. यह भी दावा किया गया कि कमीशन और रिश्वत से मिली रकम का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी ने फरवरी 2022 में हुए पंजाब विधानसभा चुनावों में किया.
सीबीआई ने शुरू की जांच
मुख्य सचिव ने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को भी अपनी रिपोर्ट सौंपी और इस मामले में जांच करने के लिए कहा. इसी रिपोर्ट के आधार पर उप राज्यपाल ने पूरे मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी. सीबीआई ने अगस्त 2022 में सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया.
उप-मुख्यमंत्री गिरफ्तार
आरोपियों में तत्कालीन एक्साइज कमिश्नर समेत तीन अफसर, दो कंपनियां और नौ कारोबारी शामिल थे. मनीष सिसोदिया के घर छापे मारे गए और कई बार पूछताछ के बाद 26 फरवरी 2023 को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
केजरीवाल की भूमिका
पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का सीधे तौर पर इस मामले में नाम नहीं था लेकिन बाद में तेलंगाना के निजामाबाद से विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता को गिरफ्तार किया गया. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक कविता के अकाउंटेंट बुचीबाबू से भी इस मामले में पूछताछ की गई और उन्होंने ही केजरीवाल का नाम लिया.
मुख्यमंत्री गिरफ्तार
सीबीआई की एफआईआर के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में अगस्त, 2022 में धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) का मामला दर्ज किया और 21 मार्च, 2024 को इसी मामले में केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया. तब से मुख्यमंत्री तिहाड़ जेल में हैं. 26 जून को उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट के परिसर से सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया.