कौन हैं चीन के नए विदेश मंत्री चिन गांग
२ जनवरी २०२३ईंट का जवाब पत्थर से देने वाले कूटनीतिज्ञ के रूप में मशहूर चिन गांग को चीन का नया विदेश मंत्री नियुक्त किया गया है. शुक्रवार को मंत्रीपद पर नियुक्त किए गए 56 वर्षीय चिन गांग ने वांग यी का स्थान लिया है, जो 2013 से देश की विदेश नीति की कमान संभाले हुए थे.
चिन को पिछले साल ही अमेरिका में देश का राजदूत बनाकर भेजा गया था और उन्हें अमेरिका साथ रिश्तों को वापस रास्ते पर लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. उन्हें ‘वुल्फ वॉरियर' के रूप में जाना जाता है, यानी एक ऐसा कूटनीतिक जो चीन की किसी भी आलोचना पर बेहद सख्ती से जवाब देता है. यह नाम उन चीनी कूटनीतिज्ञों को दिया जाता है जो खासतौर पर पश्चिमी देशों के बारे में बेहद कड़ा रवैया रखते हैं.
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2020 में चिन गांग ने कहा था कि पश्चिम में चीन की छवि इसलिए खराब है क्योंकि यूरोप और अमेरिका, खासकर वहां का मीडिया चीन की राजनीतिक व्यवस्था को, और खासतौर पर उसके आर्थिक उभार को स्वीकार नहीं कर पाया.
चिन चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्य हैं. वह कहते रहे हैं कि चीन 19वीं सदी में पश्चिम के अफीम युद्धों का पीड़ित है. वह चीन के बारे में जिस तरह का नजरिया पेश करते हैं उसमें पश्चिमी नीति-संस्कृति का जरा भी प्रभाव नहीं है.
पश्चिम के बारे में रुख
अंग्रेजी में निपुण चिन ने अमेरिका में काफी सक्रिय रूप से काम किया. उन्होंने मीडिया और अन्य सार्वजनिक जगहों पर मौजूदगी दर्ज कराई और जहां भी मौका मिला चीन के रुख को लोगों के सामने रखा. विदेशियों के सामने क्या कहना है, यह चिन बहुत अच्छे से जानते हैं. अमेरिका भेजे जाने से पहले वह चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता भी रह चुके थे.
चिन गांग देश के उत्तर पूर्वी शहर तियाजिन के रहने वाले हैं. वह लंबे समय से राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ काम करते रहे हैं. विदेश मामलों से उनका लंबा वास्ता है. 2018 से पहले वह विदेश मंत्रालय के प्रोटोकॉल विभाग में थे. 2018 में और पिछले साल भी उन्होंने उप विदेश मंत्री की भूमिका भी निभाई है.
चिन की नियुक्ति को शी जिनपिंग के रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा सकता है. जल्दी ही अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन चीन का दौरा करने की तैयारी कर रहे हैं. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने चिन की नियुक्ति पर कहा कि अमेरिका "चिन की नई भूमिका में रचनात्मक रिश्ते बनाए रखने की उम्मीद कर रहा है.”
दूसरे देशों के बारे में राय
चिन गांग ने एक अमेरिकी पत्रिका ‘द नेशनल इंट्रेस्ट' में एक लेख लिखा है जिसमें उन्होंने भारत के साथ संबंध सुधारने पर भी बात की है. इस लेख में उन्होंने बताया है कि चीन दुनिया को किस तरह देखता है. भारत-चीन सीमा विवाद का जिक्र करते हुए वह लिखते हैं कि "दोनों पक्ष तनाव कम करने और सीमा पर शांति बनाए रखने की इच्छा रखते हैं.”
भारत और चीन के रिश्ते इस वक्त बेहद तनावग्रस्त हैं. 2020 में उत्तर में गलवान में और बीते साल अरुणाचल के तवांग में दोनों देशों के सैनिकों के बीच घातक हाथापाई हो चुकी है.हाल ही में दोनों देशों के कमांडरों के बीच 17 वें दौर की बातचीत हुई है जिसका मकसद सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के कदम तय करना था.
अपने लेख में चिन लिखते हैं, "चीन के विकसित होने का अर्थ है शांति के लिए एक ज्यादा मजबूत ताकत ना कि एक शक्ति जो यथास्थिति को तोड़ना चाहती है. ताइवान खाड़ी में तनाव पैदा करने के लिए चीन ने यथास्थिति को भंग नहीं किया था बल्कि ताइवान की आजादी के बात करने वाली अंदरूनी और बाहरी ताकतों ने किया है जो ‘एक चीन' की यथास्थिति को चुनौती दे रही हैं.”
चिन ने इसी तरह का आरोप जापान पर भी लगाया. उन्होंने कहा कि पूर्वी चीन सागर में जापान ने दस साल पहले दियाज्यो दाओ द्वीप के राष्ट्रीयकरण की कोशिश की जिसने चीन और जापान के बीच यथास्थिति को भंग किया.
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एक बयान में अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा, "अमेरिका चीन के साथ संवाद-सूत्र खुला रखेगा और दोनों देशों के रिश्तों को जिम्मेदाराना तरीके से निभाना जारी रखेगा.”
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने चिन से फोन पर बात की है. इस बारे में ट्विटर पर ब्लिंकेन ने लिखा, "अपनी नई भूमिका के लिए वॉशिंगटन छोड़कर जा रहे चीन के नवनियुक्त विदेश मंत्री चिन गांग से फोन पर बात हुई. हमने अमेरिका-चीन रिश्तों पर और संवाद की लाइनें खुली रखने पर बात की.”
रिपोर्टः विवेक कुमार (रॉयटर्स)