लीबिया में सेक्स गुलाम बनती प्रवासी महिलाएं
२३ जून २०२१पांच गर्भपात के बाद आयशा अपने देश से भाग गई. वह अपने ससुराल और पड़ोसियों के लिए या तो बांझ थी या "डायन." होटल मैनेजमेंट में ग्रेजुएट आयशा कहती हैं, "मैं अपने देश से केवल गायब होना चाहती थी." आयशा ने एक पूर्व सहपाठी से संपर्क किया, जो पड़ोसी लीबिया में अपना जीवन जी रही थी. उसने आयशा को साथ जुड़ने के लिए पैसे उधार दिए. आयशा अपनी कहानी बयां करती हैं, "मैंने देश तक नहीं देखा. जैसे ही मैं आई, मुझे बंद कर दिया गया, मैं एक गुलाम बन गई. मेरी दोस्त मेरे पास कुछ पुरुषों को लाई और उसे पैसे मिल गए." वह कमरे बंद रही और उसमें सिर्फ एक टॉयलेट था. उसकी "दोस्त" सिर्फ उसे खाना पहुंचाने आती.
नरक बनी जिंदगी
आयशा आज भी वह दिन याद कर सहम जाती हैं. वो बताती हैं, "युवक शराब के नशे में आते थे. मैं उसे याद भी नहीं करना चाहती हूं. मैंने सोचा था कि मेरी जिंदगी खत्म हो गई." तीन महीने बाद लीबिया के शख्स ने उस पर तरस दिखाते हुए उसको कैद करने वाले को धमकी देने के बाद उसे छुड़ाया. उस शख्स ने आयशा को ट्यूनीशिया की बस में सवार किया और उसे कुछ पैसे दिए. वह अब यूरोप जाना चाहती है लेकिन लीबिया लौटना नहीं चाहती. आयशा कहती हैं, "मैं अपने सबसे बड़े दुश्मन के लिए भी ऐसा होता देखना नहीं चाहूंगी."
पिछले दो सालों से आयशा अन्य प्रवासी महिलाओं के साथ दक्षिणी ट्यूनीशिया में रह रही हैं. स्थानीय रेड क्रिसेंट की प्रमुख मोंगी स्लिम के मुताबिक लीबिया जाने वाली अधिकांश महिलाओं को भी वेश्यावृत्ति, बलात्कार या यौन उत्पीड़न के लिए मजबूर किया गया. स्लिम कहती हैं, "उनमें से कुछ, अगर उनके पास एक पुरुष की सुरक्षा होती, तो उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया. लेकिन सिंगल महिलाओं के लिए यह लगभग व्यवस्थित है."
सेक्स गुलाम बनती महिलाएं
आयशा डायबिटीज की मरीज थीं और इलाज कराने के बाद उन्होंने पिछले साल एक लड़की को जन्म दिया है.
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, लीबिया सरकार के नियंत्रण में आधिकारिक केंद्र और जहां यूरोपीय संघ द्वारा वित्त पोषित तटरक्षक ट्रांसफर-निर्वासित होते हैं, वे भी भ्रष्टाचार और हिंसा से ग्रस्त हैं, जिसमें यौन उत्पीड़न भी शामिल है.
संयुक्त राष्ट्र ने 2019 की एक रिपोर्ट में कहा था, "तस्करों और अपराधियों द्वारा प्रवासन मार्गों, हिरासत केंद्रों, जेलों और शहरी प्रवासियों के खिलाफ उग्रवादियों और सशस्त्र समूहों द्वारा यौन हिंसा जारी है." 2014 से लीबिया के संघर्ष की तीव्रता के साथ इस तरह के अपराधों में वृद्धि हुई है.
संयुक्त राष्ट्र ने पिछले साल यौन अपराधों से निपटने के लिए सुरक्षा अधिकारियों को तैनात करने का फैसला किया था. लेकिन उन्हें अभी तक भर्ती भी नहीं किया गया है. और पकड़े गए प्रवासियों को अब भी वापस लीबिया भेज दिया जाता है.
एए/सीके (एएफपी)