क्या अक्षय तृतीया पर बिकेगा डिजिटल सोना?
२४ अप्रैल २०२०दिल्ली की रहने वाली सरोज सिन्हा हर साल अप्रैल-मई के महीनों में आने वाले त्योहार अक्षय तृतीया को जरूर मनाती हैं. यह त्योहार हिन्दू कैलेंडर विक्रम संवत के वैशाख महीने में आता है और हिन्दू परिवारों में ऐसी मान्यता है कि इस दिन अपनी क्षमता के अनुसार सोना जरूर खरीदना चाहिए. सरोज सिन्हा भी हर साल कभी अंगूठी तो कभी कान की बालियों के रूप में सोना जरूर खरीदती हैं.
पर इस साल अक्षय तृतीया 26 अप्रैल को तालाबंदी के दौरान आ रही है. सोना-चांदी की दुकानें बंद होने की वजह से सरोज के जैसे करोड़ों हिन्दू परिवार सोना नहीं खरीद पाएंगे. होम डिलीवरी की भी इजाजत नहीं है. लेकिन खरीदारों से ज्यादा चिंतित विक्रेता हैं. 2019 में अक्षय तृतीया पर 23 टन सोना बिका था, यानी 30 अरब रुपये से भी ज्यादा का व्यापार. हर साल इस तिथि पर जितना सोना बिकता है वो पूरे साल के सोने की बिक्री का तीन से चार प्रतिशत तक होता है.
इस बार अक्षय तृतीया पर विक्रेताओं को बड़ा नुकसान होने का अंदेशा है. फिर भी अलग अलग विक्रेता तालाबंदी के बीच भी थोड़ी बिक्री हो पाए इसकी जुगत लगा रहे हैं, डिजिटल बिक्री का सहारा ले कर. इसमें इंटरनेट के जरिए सोने की बुकिंग और रकम का भुगतान हो जाएगा और भुगतान के बाद ऑनलाइन रसीद आ जाएगी. इस तरह खरीदार के पास डिजिटल रूप में सोना आ जाएगा.
तालाबंदी जब भी खुले तब वो उस कंपनी की दुकान पर जा कर या तो उस रसीद के बदले उतना सोना ले सकता है या उस रसीद पर लिखे मूल्य के बराबर सोना बेच कर पैसे ले सकता है. ग्राहक चाहे तो घर पर डिलीवरी भी हो सकती है. इसमें सरकारी कंपनी एमएमटीसी से ले कर तनिष्क और कल्याण जैसी सोना-चांदी के आभूषण इत्यादि बेचने वाली कंपनियां और पेटीएम जैसी वित्तीय टेक्नोलॉजी वाली कंपनियां भी शामिल हैं.
एमएमटीसी स्विट्जरलैंड की कंपनी पीएमपी के साथ मिलकर डिजिटल सोना खरीदने की सुविधा दे रही है. ये बैंकों, ब्रोकिंग कंपनियों और पेटीएम जैसी कंपनियों के जरिए मिलता है. सोने में निवेशकों का हमेशा भरोसा रहता है और संकट के समय यह भरोसा और गहरा जाता है. पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से फैली महामारी के बीच इस समय सोने की मांग में भारी उछाल देखने को मिल रही है. थोक व्यापारी और खुदरा ग्राहक दोनों ही सोना खरीदने की होड़ में लगे हैं.
मार्च में कमोडिटी बाजारों में सोने के दाम सात साल में अपने सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गए थे क्योंकि व्यापारियों ने कोविड-19 और उसके हानिकारक आर्थिक असर से बचने के लिए सोने की शरण ले ली थी. भारत में भी सोने की भारी मांग रहती ही है. देखना होगा इस बार अक्षय तृतीया पर तालाबंदी के बीच कितने ग्राहक डिजिटल गोल्ड अपनाते हैं.
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