रहस्यमयी बीमारी के मरीजों के खून में मिला सीसा, निकल
९ दिसम्बर २०२०मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि दिल्ली स्थित एम्स द्वारा की गई प्राथमिक जांच में मरीजों के खून के सैम्पलों में सीसा और निकल मिले हैं. बयान में यह भी कहा गया है कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी और दूसरे संस्थान में जांच अभी भी चल रही है और उम्मीद है कि नतीजे जल्द आएंगे.
मंगलवार को इस बीमारी के लक्षणों वाले मरीजों की संख्या बढ़ कर 556 हो गई. हालांकि इनमें से 458 को अस्पतालों से छुट्टी मिल चुकी है और सिर्फ 98 अभी भी भर्ती हैं, जिन पर जांच चल रही है. मरीजों में 12 साल से कम उम्र के 45 बच्चे भी हैं. इन सभी लोगों को दौरे पड़े थे, उल्टियां आई थीं और फिर वो बेहोश हो गए थे.
अधिकारियों का कहना है कि दौरे पड़ना और बेहोश होना सभी मरीजों में सिर्फ एक बार देखा गया. परिवार में सिर्फ एक ही व्यक्ति में ये लक्षण दिखे, जिसका मतलब है कि यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे तक नहीं फैलती है. विद्यानगर के रहने वाले 45 वर्षीय श्रीधर के अलावा रहस्यमयी बीमारी से और किसी के निधन की खबर अभी तक नहीं मिली है.
बीमारी की तफ्तीश में अब विश्व स्वास्थ्य संगठन भी शामिल हो गया है. पानी के साथ-साथ दूध और चावल के सैंपलों की जांच भी की जा रही है. एलुरु में विशेष सफाई अभियान भी शुरू किया जा सकता है. कुछ जानकार कीटनाशकों के द्वारा पानी के प्रदूषण की भी संभावना व्यक्त कर रहे हैं, लेकिन इसकी अभी तक पुष्टि नहीं हुई है.
कोविड-19 संक्रमण के मामलों में आंध्र प्रदेश सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से है, लेकिन इस बीमारी के लक्षण कोविड के लक्षणों जैसे नहीं हैं. राज्य में स्वास्थ्य मंत्री ने पत्रकारों को बताया कि इस बीमारी के सभी पीड़ितों का कोविड टेस्ट हो चुका है और किसी को भी संक्रमित नहीं पाया गया है.
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