इंटरनेट सर्च इंजन के जरिए नैतिकता का पाठ
१९ सितम्बर २०१०इमहलाल नाम की सर्च इंजन पर आप अल्कोहल लिखकर खोज बटन दबाएं तो सामने ऐसी साइट खुलेंगी जिस पर शराब के बारे में मुस्लिम धर्म में बताए गए नुकसानों और सोच का जिक्र होगा. यही हाल पोर्नोग्राफी और दूसरी बुराइयों का भी है इनके बारे में भी आपको ऐसी ही जानकारी मिलेंगी. इंटरनेट पर काम करते हुए अपने चरित्र को बिगड़ने से बचाना है तो इन सर्च इंजनों पर आपका स्वागत है.
ईसाईयों के लिए इसी तरह की सर्च इंजन है सीकफाइंड ऑफर्स. ये सर्च इंजन सिर्फ उन्हीं साइटों को अपनी खोज में शामिल करता है जो बाइबिल के अनुसार सही हैं. यहूदियों को नैतिकता का पाठ पढ़ाने के लिए जो सर्च इंजन शुरू की गई है उसका नाम है जेवोगल.
इन खास सर्च इंजनों को ईसाई, यहूदी और मुस्लिम संगठनों ने अलग अलग तैयार किया है. मकसद है इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों को उन सब चीजों से दूर रखना जो उनमें बुरी लतों को बढ़ावा देती हैं. एम्सटर्डम में मुस्लिम लोगों के लिए इमहलाल नाम का सर्च इंजन बनाने वाले रजा सारदेहा बताते हैं," हमारा मानना है कि दूसरे सर्च इंजन लोगों को भटकाव की तरफ ले जाते हैं हम इंटरनेट पर खोज का ऐसा जरिया देना चाहते है ताकि लोग अश्लील और अनैतिक वेबसाइटों से दूर रहकर भी अपना काम कर सकें."
ये सर्च इंजन ऐसी वेबसाइटों को फिल्टर करके आपके सामने खोजी गई जानकारी पेश करती हैं जिन्हें नैतिक पहरेदारों ने चरित्र के लिए नुकसानदायक समझा है. 21 साल के कुवैती नागरिक रजा बताते हैं कि नए सर्च इंजन पाकिस्तान, इंडोनेशिया, मलेशिया, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका के लोगों को खूब भा रहे हैं. रजा के मुताबिक, "हमारे यूजर सिर्फ मुस्लिम नहीं हैं, हर हफ्ते हमारे पास गैरमुस्लिम लोगों के भेजे मेल आते हैं जिनमें इन सुरक्षित सर्च इंजनों की तारीफ होती है. लोग अपने बच्चों को इन सर्च इंजनों के जरिए इंटरनेट इस्तेमाल करना सिखा रहे हैं ऐसा करने से उन्हें भरोसा होता है कि उनके बच्चे अश्लील या अनैतिक साइटों के जाल में नहीं फंसेंगे."
इन सर्च इंजनों के कारण कुछ नए लोग भी इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए आ रहे हैं. बावजूद इसके सारे सर्च इंजन सफल ही हो रहे हो ऐसा नहीं है. लोकप्रिय नहीं होने के कारण कई सर्च इंजनों को बंद भी होना पड़ा है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः महेश झा