दो तिहाई यूजर्स इंटरनेट अपराधों के शिकार
९ सितम्बर २०१०कंपनी की नॉर्टन साइबरक्राइम रिपोर्ट में कहा गया है कि इस सिलसिले में चीन में हालत सबसे खराब है, जहां 83 फीसदी यूजर कंप्यूटर वाइरस, क्रेडिट कार्ड की धोखाधड़ी व अन्य अपराधों के शिकार हुए हैं. ब्राजील और भारत 76 फीसदी शिकारों के साथ दूसरे स्थान पर हैं. इसके बाद अमेरिका का नंबर आता है, जहां 73 फीसदी यूजर ऐसे अपराधों के शिकार हुए हैं.
अधिकतर यूजर बेहद खफा होने के बावजूद इनकी रिपोर्ट नहीं करते हैं, क्योंकि उन्हें बहुत अधिक नुकसान नहीं होता है. साइबर अपराधी जानबूझकर छोटी राशियों की धोखाधड़ी करते हैं, ताकि उनके खिलाफ जांच न हो. सिमेंटेक के साइबर सुरक्षा सलाहकार का कहना है कि रिपोर्ट करना जरूरी है, क्योंकि ऐसी छोटी छोटी धनराशियों को जोड़कर एक बड़ी धनराशि बनती है, जिसकी जांच आसान होती है. उनकी राय में रिपोर्ट न करने का मतलब ऐसे अपराधियों की मदद करना है
लोयोला मेरीमाउंट विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जोसेफ लाब्री कहते हैं कि लोग ऐसे अपराधों के सामने झुक जाते हैं, क्योंकि उनकी जानकारी कम होती है. यह कुछ वैसा ही है, जिस तरह कार का मालिक मेकेनिक की हर बात मान लेता है.
अध्ययनों से यह भी पता चला है कि लोगों को अक्सर पता नहीं होता कि क्या क्या गैरकानूनी है. अक्सर वे इंटरनेट से म्यूजिक या फिल्म डाउनलोड करते हैं, जबकि बिना पैसा चुकाए कोई भी ऐसी चीज डाउनलोड करना गैरकानूनी है. 24 फीसदी लोगों का मानना था कि किसी और का ई मेल पढ़ना गैरकानूनी नहीं है.
इसके अलावा लोग अपना बचाव भी नहीं करते हैं. खास कर सुरक्षा सॉफ्टवेयर अपडेट करना बेहद जरूरी होता है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: ओ सिंह