कश्मीर पर सुरक्षा समिति की बैठक
१३ सितम्बर २०१०सोमवार को कैबिनेट मामलों की सुरक्षा समिति की एक बैठक होने वाली है जिसमें कश्मीर में हिंसा और तनाव से निपटने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर विचार किया जाना है. सुरक्षा समिति आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर्स एक्ट को आंशिक रूप से हटाने पर भी विचार कर सकती है ताकि गतिरोध को कम किया जा सके.
रविवार को बीजेपी नेता एलके आडवाणी के घर पर हुई बैठक के बाद पार्टी ने एक बयान जारी कर केंद्र सरकार पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया. बीजेपी नेताओं का कहना है कि समय आ गया है कि उमर अब्दुल्लाह को हटा कर एक ऐसे नेता को लाया जाए जिसकी स्वीकार्यता उनसे ज्यादा हो. बीजेपी के मुताबिक मुख्यमंत्री को राज्य की जनता ने पूरी तरह नकार दिया है और केंद्र सरकार के पास स्थिति से निपटने के लिए दूरदृष्टि का अभाव दिख रहा है. इस बैठक में आडवाणी के अलावा, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, एसएस अहलूवालिया और रविशंकर प्रसाद ने हिस्सा लिया.
भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि घाटी में पिछले तीन महीनों में हालात बेहद खराब हुए हैं और यह समय नहीं है कि आर्म्ड फोर्सेज एक्ट को हल्का बनाया जाए या फिर अलगाववादियों के आगे झुका जाए. पार्टी प्रवक्ता ने कहा, "यह हरकत में आने का समय है. कश्मीर के अशांत इलाकों से किसी भी हालत में आर्म्ड फोर्सेज एक्ट को नहीं हटाया जाना चाहिए. सुरक्षा स्थिति को मजबूत बनाए जाने की जरूरत है ताकि उपद्रवियों के मन में डर पैदा हो सके."
ईद के दिन श्रीनगर में हुई हिंसा पर बीजेपी ने कहा कि यह भ्रम टूट गया कि वे लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में विश्वास रखते हैं. पार्टी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि उपद्रवियों पर काबू पाने में वह विफल रही है. बीजेपी ने जोर देकर कहा है कि आर्म्ड फोर्सेज एक्ट में ढिलाई लाने को बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और पार्टी ऐसा कोई फैसला स्वीकार नहीं करेगी जिससे सेना के मनोबल को ठेस पहुंचती हो.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: वी कुमार