कश्मीर में विवादित कानून पर सरकार चुप
१४ सितम्बर २०१०सोमवार को ही कैबिनेट कमेटी की बैठक बुलाई गई, जिसमें प्रधानमंत्री मनमोहन भी मौजूद रहे. इस मीटिंग में कश्मीर के ताजा घटनाक्रम पर अफसोस जाहिर किया गया लेकिन विवादास्पद एक्ट पर कोई फैसला नहीं लिया जा सका. बुधवार को भारत सरकार ने इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई है.
कमेटी ने कश्मीर के सभी वर्ग के लोगों से बातचीत दोबारा शुरू करने का संकेत दिया. बैठक में कहा गया कि बातचीत ही समस्या का सम्मानजनक हल निकालने का एकमात्र तरीका है. कैबिनेट कमेटी ने कश्मीर के लोगों, खासतौर पर नौजवानों से अपील की कि वे हिंसा से दूर रहें. लेकिन तीन घंटे चली बैठक के बाद जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर्स एक्ट का जिक्र नहीं किया गया. जिन हालात में बैठक बुलाई गई, उनसे ऐसे अनुमान लगाए जा रहे थे कि सरकार विवादास्पद कानून को हटाने के बारे में कुछ फैसला कर सकती है. जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने राज्य के कुछ इलाकों से इस कानून को हटाने की मांग की है.
बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया, "यूपीए सरकार यह राय हमेशा से रही है कि बातचीत के जरिए ही समस्या को हल किया जा सकता है. कैबिनेट कमेटी इस बात को दोहराती है कि हम कश्मीर के हर वर्ग के लोगों से बातचीत की प्रक्रिया शुरू करना चाहते हैं."
इस मीटिंग से कुछ घंटे पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कश्मीर में जारी हिंसा पर अफसोस जाहिर किया और कहा कि लोगों की समस्याओं पर ध्यान दिया जाना चाहिए. उन्होंने वादा किया कि जो लोग हिंसा छोड़ने को तैयार हैं उनसे भारतीय संविधान के दायरे में बातचीत की जाएगी.
कश्मीर में पिछले तीन महीनों से जारी हिंसक प्रदर्शनों का सबसे खराब दौर सोमवार को देखने को मिला. कर्फ्यू के बावजूद लोग सड़कों पर उतरे और उन्होंने कई भवनों को आग लगाने की कोशिश की. वे लोग अमेरिका में कुछ दिन पहले हुई कुरान जलाने की घोषणा का विरोध कर रहे थे. हिंसक भीड़ पर पुलिस की गोलीबारी में कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः आभा एम