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कहीं आप इस्लामिक स्टेट और अलकायदा का सोना तो नहीं खरीद रहे

२२ नवम्बर २०१९

चमचमाते सोने का जो गहना आप अपने घर के लिए सौभाग्य का प्रतीक समझ कर खरीद रहे हैं मुमकिन है कि वह आतंकवादियों के बेचे सोने से बना हो. इस सोने के बदले मिला पैसा आतंकवाद में इस्तेमाल हो सकता है.

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BdTD Goldnugget Burkina Faso Gold Mine
तस्वीर: Reuters/L. Gnago

पश्चिमी अफ्रीका के पामा के आसपास रहने वाले लोगों को शहर के एक छोर पर बसे संरक्षित वन क्षेत्रों से सोने की खुदाई करने पर सरकार ने बहुत पहले से रोक लगा रखी थी. हालांकि इसका मकसद हिरन, भैंस और हाथियों की रक्षा करना था. साल 2018 के मध्य में पगड़ी पहने कुछ लोगों ने यह नियम बदल दिया. हाथों में असॉल्ट राइफल लिए मोटरसाइकिल और छोटे ट्रकों में सवार इन लोगों ने इस इलाके से सरकारी सेना और रेंजरों को भी भगा दिया. यह इलाका बुरकिना फासो का है जिसकी सीमा सालेह से लगती है और जो सहारा मरुस्थल के दक्षिण में है.

हथियारबंद लोगों ने स्थानीय निवासियों से कहा कि वो संरक्षित क्षेत्र में खुदाई कर सकते हैं लेकिन कुछ शर्तें होंगी. वो इन लोगों से कभी निकाले गए सोने में हिस्सा मांगते हैं तो कभी उस सोने को खरीद कर बाद में इसका कारोबार करते हैं. स्थानीय निवासी ट्राहोर ने बताया कि उन लोगों ने, "हमसे कहा चिंता की कोई बात नहीं है और हमसे नमाज पढने को कहा." त्राहोर ने बताया, "हम उन्हें 'हमारे मालिक' कहते हैं. त्राहोर ने पामा के दक्षिण पश्चिम में थोड़ी दूर पर मौजूद काबोंगा में कई महीनों तक खुदाई की है. इस इलाके में पत्रकारों का आना सुरक्षित नहीं है हालांकि काबोंगा में खुदाई करने वाले पांच लोगों ने अपनी कहानी सुनाई."

Ghana - Goldabbau
तस्वीर: Getty Images/AFP/C. Aldehuela

इस्लामिक स्टेट और अल कायदा

पामा के आसपास की ये खानें अकेली नहीं हैं. मध्य पूर्व में जमीन खिसकने के बाद अल कायदा और इस्लामिक स्टेट से जुड़े गुट अफ्रीका में फैल रहे हैं. पूरे इलाके में मौजूद सोने की खानों पर इनकी नजर है. बीते महीनों में हुए हमलों के आंकड़ों और दो दर्जन से ज्यादा खदान श्रमिकों, स्थानीय निवासियों, सरकार और सुरक्षा अधिकारियों से बात करने पर यह जानकारी सामने आई. यहां दुनिया के दो सबसे कुख्यात आतंकवादी संगठन औद्योगिक गतिविधियों पर हमला करने के अलावा बुर्किना फासो, माली और नाइजर में 2 अरब डॉलर से ज्यादा के सोने के अनौपचारिक कारोबार पर भी कब्जा कर रहे हैं. यहां इस कारोबार पर पहले से ही सरकार का नियंत्रण नहीं है. 

संयुक्त राष्ट्र और रिसर्चर इस बारे में चेतावनी दे चुके हैं कि चरमपंथी इलाके की खानों तक पहुंच रहे हैं. इस्लामी चरमपंथियों के लिए ये खान छिपने की जगह भी हैं और खजाना भी. इसका इस्तेमाल वे लोग हमले के लिए नए सदस्यों को भर्ती करने, हथियार और विस्फोटक खरीदने में करते हैं, जिससे उनका प्रभाव बढ़ता है.

गरीब देश बुरकिना फासो

छोटे छोटे किसानों का गरीब देश बुरकिना फासो हाल के वर्षों में स्थानीय चरमपंथियों और क्षेत्रीय जिहादी गुटों के अभियान के केंद्र में आ गया है. सैकड़ों लोगों की यहां हिंसक घटनाओं में मौत हुई. इसी महीने घात लगा कर किए हमले में सोने की खदान में काम करने वाले 39 मजदूरों की जान गई. दर्जनों लूटमार और अपहरण की घटनाएं भी दर्ज हुई हैं.

यह हमले केवल बुरकिना फासो के सैकड़ों छोटे छोटे खानों पर हुए हैं. 2018 में उपग्रह से किए सरकारी सर्वेक्षण के बाद करीब 2200 अनौपचारिक खानों की पहचान हुई थी. इनमें से आधे से ज्यादा 25 किलोमीटर के दायरे में हैं और उन पर चरमपंथी हमले करते रहते हैं.

Kinderarbeit in Goldminen - Burkina Faso
तस्वीर: Getty Images/AFP/A. Ouoba

यह बताना मुश्किल है कि इन खानों से कितना सोना निकलता है और कौन उन्हें नियंत्रित करता है. इनमें से कई ऐसी जगहों पर हैं जहां सरकारी सेना नहीं है और लुटेरे घूम रहे हैं. हालांकि इसमें काफी पैसा है. 2018 में सरकारी अधिकारियों ने सिर्फ 24 ऐसी जगहों का दौरा किया था जहां हमले हुए थे और अनुमान लगाया था कि वहां से हर साल कुल मिलाकर 727 किलो सोना निकाला जा रहा है. मौजूदा कीमतों पर इस सोने का मू्ल्य करीब 3.4 करोड़ अमेरिकी डॉलर होगा.

बुरकिना फासो के खान मंत्री ओउमारु इदानी ने इसी साल मई में कहा था, "इस्लामी चरमपंथियों ने कुछ खानों पर नियंत्रण कर लिया है, खासतौर से संरक्षित क्षेत्र में, यहां वो नाबालिग लोगों को खुदाई करने के लिए उकसावा देते हैं और सरकार के प्रतिबंध का उल्लंघन करते हैं."

बीते कुछ महीनों में सेना की कार्रवाई के बाद इस्लामी चरमपंथियों से जुड़ी घटनाओं में कुछ कमी आई थी. हालांकि अक्टूबर में यह एक बार फिर अपने चरम पर पहुंच गईं और सेना की कार्रवाई से पहले जैसे हालात दोबारा बन गए.

कहां जाता है यह सोना

बुरकिना फासो से अनौपचारिक तौर पर निकाला गया सोना तस्करी के जरिए पड़ोसी देशों में पहुंचता है, खासतौर से टोगो में. सरकार के मुताबिक ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि टैक्स ना देना पड़े. टोगो से यह सऊदी अरब, तुर्की, स्विट्जरलैंड और भारत भेजे जाने से पहले रिफाइनरियों में ले जाया जाता है. आतंकवादियों के लिए सोना बहुत काम की चीज और आदर्श मुद्रा है जिसका इस्तेमाल मध्यपूर्व और एशिया में होता है. रिफाइनरी में पहुंचने के बाद इसे बड़ी आसानी से पिघलाकर कहीं भी ले जाया जा सकता है.

Kinderarbeit in Goldminen in Burkina Faso
तस्वीर: DW

बुरकिना फासो, माली और नाइजर के अनौपचारिक खानों से हर साल करीब 50 टन सोना निकलता है जिसकी कीमत 2 अरब अमेरिकी डॉलर है. यह आंकड़े आर्थिक सहयोग और विकास संगठन ओईसीडी के हैं. ओईसीडी के मुताबिक इसमें से बुरकिना फासो के छोटे खानों से हर साल करीब 15-20 टन सोना निकलता है.

खान से निकलने के बाद यह सोना खुली जमीनी सीमाओं से कारों और बसों में बाहर जाता है. कई बार तो इन्हें घासफूस  के बीच छिपा कर साइकिल के सहारे ही सीमा पार करा दिया जाता है. सोने की तस्करी में भ्रष्ट अधिकारी भी मदद करते हैं. इसके खरीदारों में कुछ स्थानीय और कुछ घाना, टोगो, बेनिन और नाइजर जैसे पड़ोसी देशों के व्यापारी होते हैं. पड़ोसी देश टोगो में सोने का उत्पादन कम होता है और यह सोने की तस्करी का गढ़ है.

हाल के वर्षों में संयुक्त अरब अमीरात टोगो से आने वाले सोने को रिफाइन करने और बेचने के सबसे बड़े केंद्र के रूप में उभरा है. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक 2018 में संयुक्त अरब अमीरात ने कुल 7 टन सोने का आयात किया था. यूएई से इस सोने के सबसे बड़े खरीदार सऊदी अरब, तुर्की और स्विट्जरलैंड हैं.

एनआर/एके (रॉयटर्स)

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