किसान आंदोलन बढ़ रहा है भारत-बंद की तरफ
७ दिसम्बर २०२०12 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों का कहना है कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अलावा कई दूसरे राज्यों के किसानों भी प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं और सब मिलकर मंगलवार आठ दिसंबर को भारत बंद लागू करवाएंगे. उनका कहना है कि वो तीनों कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग से पीछे नहीं हटने वाले हैं.
कम से कम 18 विपक्षी पार्टियों ने भी 'भारत-बंद' को समर्थन देने की घोषणा की है. इनमें कांग्रेस, वामपंथी पार्टियां, एसपी, बीएसपी, एनसीपी, आरजेडी, शिव सेना, तृणमूल कांग्रेस, टीआरएस, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल और नेशनल कांफ्रेंस जैसी पार्टियां शामिल हैं. यहां तक कि बीजेपी के सहयोगी दल एजीपी और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने भी भारत-बंद को समर्थन देने की घोषणा की है.
कांग्रेस पार्टी ने देश भर में अपने राज्य और जिला मुख्यालयों में भी कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन आयोजित करने का फैसला किया है. आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल किसानों से दिल्ली और हरियाणा के बीच सिंघु बॉर्डर पर मिलेंगे.
भारत बंद के आह्वान को देखते हुए राज्य सरकारें भी स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही हैं. केंद्र सरकार के निर्देश पर दिल्ली पुलिस ने दिल्ली की उन सभी सीमाओं को बंद कर रखा है जहां से किसान दिल्ली में प्रवेश करना चाह रहे हैं. सिंघु,औचंदी, पियाउ मनियारी, मंगेश, चिल्ला, गाजीपुर, टिकरी, झरोडा जैसे सभी स्थानों पर सीमाएं बंद हैं. नोएडा प्रशासन ने पूरे नोएडा में धारा 144 लागू कर दी है. हरियाणा प्रशासन भी बंद से निपटने की तैयारी कर रहा है.
दुनिया के कई देशों में बड़ी संख्या में पंजाब से गए लोगों की मौजूदगी की वजह से किसान आंदोलन की गूंज विदेश में भी सुनाई दे रही है. रविवार को किसानों के समर्थन में लंदन में हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया. पुलिस ने 13 लोगों को हिरासत में भी लिया. अमेरिका में भी सैन फ्रांसिस्को में अप्रवासी भारतीयों ने किसानों के समर्थन में रैली निकाली.
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से भी किसानों के समर्थन की खबरें आ रही हैं.
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