कुरान कांड पर खूनखराबे के बाद कश्मीर में कर्फ्यू
१४ सितम्बर २०१०सोमवार देर रात अस्पतालों में तीन और घायलों की मौत हो गई, जिसके साथ ही सोमवार की हिंसा में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ कर 17 हो गई. घाटी में पहले से ही स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी. ऊपर से कुरान कांड की वजह से हालात और खराब हो गए.
अमेरिका में कुरान को जलाए जाने पर उपजे विवाद के बीच कश्मीर में हिंसा पर उतारू भीड़ ने सोमवार को कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए एक मिशनरी स्कूल पर धावा बोल दिया. इसके बाद भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने गोलियां चलाईं, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई. एक पुलिसवाले की भी मौत हुई है. कई लोग घायल हैं.
पुलिस सूत्रों का कहना है कि मंगलवार को भी कुछ लोगों ने कर्फ्यू तोड़ कर प्रदर्शन करने की कोशिश की और इस दौरान हुए बल प्रयोग में कुछ लोग घायल हो गए हैं.
राजधानी श्रीनगर में पुलिस ने एक बयान जारी कर बताया कि घाटी के ज्यादातर हिस्से में कर्फ्यू लगा दिया गया है ताकि शांति बनाई रखी जा सके. श्रीनगर में सन्नाटा पसरा है. सभी दुकानें बंद हैं और सिर्फ सुरक्षाबल गश्त लगाते देखे जा रहे हैं. पुलिस की गाड़ियां लोगों को घरों में ही रहने की हिदायत दे रही हैं और इस सिलसिले में एलान किया जा रहा है. चौराहों और बाजारों में कांटेदार तार लगा कर रास्ता रोक दिया गया है.
कर्फ्यू की वजह से श्रीगनर की विमान सेवा भी रोक दी गई है. वहां कोई भी हवाई जहाज नहीं जा पा रहा है. दिल्ली में भी सोमवार रात वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई और स्थिति पर चर्चा की गई.
उधर, भारत में अमेरिका के दूत टिमोथी रोएमर ने कहा कि उन्हें इस घटना पर बेहद दुख है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा बार बार कुरान जलाए जाने के किसी विचार का विरोध करते रहे हैं.
कश्मीर में बडगाम जिले के अलावा गांदरबल, शोपियां, बारामूला, तंगमर्ग, कुपवाड़ा, त्रेगाम, करालपोरा, हंदवाड़ा, चोटीपुरा, कुलगाम और बांदीपुरा में भी कर्फ्यू लगा दिया गया है. श्रीनगर, अनंतनाग, बिजेबहरा, अवन्तीपुरा, लेतपुरा, पांपोर, सोपोर और पुलवामा में पहले से ही कर्फ्यू लगा हुआ है.
सोमवार का दिन हिंसा के लिहाज से इस साल का सबसे बुरा दिन रहा. तंगमार्ग गांव में कुछ लोगों ने एक मिशनरी स्कूल में घुस कर अमेरिका विरोधी नारे लगाए. इसके बाद उन्होंने इमारत को क्षति पहुंचाई और बाद में वहां आग लगा दी. अमेरिका में एक पादरी ने पिछले दिनों कुरान जलाने की बात कह कर पूरी दुनिया में बवाल मचा दिया था. हालांकि पादरी ने बाद में अपना विचार छोड़ दिया लेकिन इसकी वजह से कई जगह हिंसा हुई. अफगानिस्तान में भी इसकी वजह से भड़की हिंसा में कुछ लोग मारे गए.
कश्मीर में पुलिस सूत्रों ने बताया कि जिस वक्त स्कूल पर हमला हुआ, वहां कोई नहीं था. लेकिन इसके बाद भीड़ ने सरकारी इमारतों पर भी हमला करना शुरू कर दिया, जिसके बाद भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को गोलियां चलानी पड़ीं. इस दौरान छह लोगों की मौत हो गई.
जम्मू कश्मीर के पुलिस प्रमुख कुलदीप खोडा ने बताया कि राज्य के दूसरे चर्च और मिशनरी स्कूलों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए गए हैं. खोडा और दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों ने आरोप लगाया कि ईरान के प्रेस टीवी की रिपोर्ट की वजह से घाटी में हिंसा फैली. इस रिपोर्ट में वॉशिंगटन में कुरान के पन्ने फाड़े जाने की घटना को बढ़ा चढ़ा कर पेश किया गया. बाद में इस चैनल के प्रसारण को राज्य में रोक दिया गया. अमेरिकी पादरी की कुरान जलाने की योजना को लेकर राज्य में पहले से ही तनाव था. ऊपर से कुरान के पन्ने फाड़े जाने की रिपोर्ट ने आग में घी का काम किया.
कश्मीर में अलगावादी प्रदर्शनों की वजह से पहले से ही स्थिति तनावपूर्ण है. जून में एक सुरक्षाकर्मियों की गोली से 17 साल की एक युवती की मौत के बाद से ही हिंसा जारी है. कई जगहों पर प्रदर्शन कर रहे लोग सुरक्षाकर्मियों पर पत्थर बरसा रहे हैं. पुलिस का कहना है कि इसके बचाव में उन्हें गोली चलानी पड़ती है. कुल मिला कर पिछले तीन महीनों में करीब 90 लोगों की मौत हो चुकी है.
रिपोर्टः एएफपी/ए जमाल
संपादनः ए कुमार